कालिदास संस्कृत परिषद्‌ के‌ तत्त्वावधान‌ में डी. ए. वी. कॉलेज, जालन्धर के संस्कृत-विभाग‌ द्वारा‌ चार्टमेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते‌ हुए निर्धारित विषय “भगवद्गीता और‌ विद्या” से सम्बन्धित श्लोकों/सूक्तियों को‌ लिखकर अपनी अद्भुत‌ कला का‌ परिचय‌ दिया। कार्यक्रम का‌ प्रारम्भ उपप्राचार्या डॉ अर्चना जी‌ के‌ द्वारा‌ सरस्वती पूजन‌ और ज्योतिप्रज्वलन के‌ साथ हुआ। विभागाध्यक्षा‌ डॉ जीवन‌ आशा ने उपप्राचार्या को स्मृति-चिह्न देकर‌ उनका स्वागत‌ किया, विभाग की प्राध्यापिका प्रो. ऋतु तलवाड़ ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। निर्णायकमण्डल में हंसराज महाविद्यालय से‌ भूतपूर्व संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ रमा चौधरी, डी. ए. वी. कॉलेज, जालन्धर के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. विजयगुप्ता तथा पंजाबी विभाग से डॉ. किरणदीप कौर‌ उपस्थित‌ हुई। इस प्रतियोगिता में बेहतरीन कला का प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया, जिसमें कॉलेजिएट स्कूल की छात्रा वैशाली को प्रथम तथा सुमन‌ को‌ द्वितीय पुरस्कार मिला, वहीं महाविद्यालय‌ के‌ छात्रों में विशाल (बी‌.एस. सी‌ चतुर्थ सेमेस्टर) को प्रथम, विवेक (बी‌.ए.षष्ठ सेमेस्टर) को द्वितीय, ममता (बी‌.ए.द्वितीय‌ सेमेस्टर) को तृतीय पुरस्कार तथा मनु (एम.ए. संस्कृत चतुर्थ सेमेस्टर) को सान्त्वना पुरस्कार‌ को‌ दिया गया।

इस कार्यक्रम में पंजाबी विभाग से‌ प्राध्यापक डॉ. साहब सिंह और‌ आयुर्वेदिक कॉलेज, जालन्धर से‌ डॉ रीटा उपाध्याय विशेष रूप से उपस्थित रहे। डॉ साहब सिंह ने छात्रों को अपनी संस्कृति से जुड़े रहने के‌ लिए प्रोत्साहन दिया और छात्रों का मनोरंजन भी किया। उपप्राचार्या डॉ अर्चना के‌ द्वारा‌ उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले और‌ पुरस्कृत‌ होने‌ वाले छात्रों को बधाई दी गई और‌ आयोजन के‌ लिए संस्कृत विभाग की प्रशंसा की गई। कार्यक्रम‌ के‌ अन्त‌ में कालिदास संस्कृत परिषद्‌ के अध्यक्ष और‌ कार्यक्रम‌ के संयोजक प्रो. विवेक ने भगवद्गीता की वर्तमान‌ परिवेश‌ में उपयोगिता पर चर्चा करते‌ हुए सबका‌ धन्यवाद ज्ञापित‌ किया।

 

 

 

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