डी.ए.वी. कॉलेज, जालंधर के भौतिकी विभाग ने डीबीटी स्टार कॉलेज योजना के तत्वावधान में 13 फरवरी, 2025 को “इलेक्ट्रोप्लेटिंग तकनीक” पर एक कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। सत्र के उद्घाटन में, उप प्राचार्य और भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कुॅंवर राजीव ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया और कार्यक्रम की रूपरेखा का परिचय दिया। मुख्य वक्ता डॉ. रेशू सानन आई.के. गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी, जालंधर के रसायन विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत्त है।

डॉ. सानन ने इलेक्ट्रोप्लेटिंग के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए, इसकी उत्पत्ति और विकास के पीछे के मूल उद्देश्य को समझाते हुए अपने वक्तव्य को आरंभ किया । उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि, कैसे यह तकनीक आभूषण, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और विनिर्माण सहित विभिन्न उद्योगों का एक अभिन्न अंग बन गई है।

सत्र में विभिन्न इलेक्ट्रोप्लेटिंग तकनीकों को शामिल किया गया, जिसमें स्थायित्व, संक्षारण प्रतिरोध और सामग्रियों की सौंदर्य अपील को बढ़ाने में उनके लाभों पर जोर दिया गया। डॉ. सानन ने इलेक्ट्रोप्लेटिंग को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारकों, जैसे तापमान और विद्युत प्रवाह, और वे प्रक्रिया की गुणवत्ता और दक्षता को कैसे प्रभावित करते हैं, के बारे में विस्तृत रूप में चर्चा की।

कार्यशाला का मुख्य आकर्षण इलेक्ट्रोप्लेटिंग प्रयोग का प्रत्यक्ष प्रदर्शन था। इस व्यावहारिक प्रदर्शन से प्रतिभागियों को प्रक्रिया और इसके वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों की गहरी समझ हासिल करने में मदद मिली।

कार्यशाला अत्यधिक संवादात्मक थी, जिसमें छात्र और शिक्षक विषय से संबंधित चर्चा और प्रश्नों में संलग्न रहें। सत्र का समापन डॉ. सतीश कुमार द्वारा मुख्य वक्ता
को उनकी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और व्यावहारिक प्रदर्शन के लिए धन्यवाद देने के साथ हुआ। जिससे कि कार्यशाला उपस्थित सभी प्रतिभागियों के लिए ज्ञानवर्धक
और समृद्ध अनुभव बन गई

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