
डीएवी कॉलेज के लाजपत राय पुस्तकालय को अपने समृद्ध भंडार से 500 दुर्लभ और महत्वपूर्ण पांडुलिपियों के सफल डिजिटलीकरण की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है, ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए अमूल्य साहित्यिक खजाने को संरक्षित किया जा सके। डिजिटलीकृत संग्रह में 75 साल से भी पहले प्रकाशित दुर्लभ प्रकाशन और अभिलेखीय सामग्री शामिल है। यह उपलब्धि प्रतिष्ठित “हेरिटेज फाउंडेशन” के उदार समर्थन और तकनीकी विशेषज्ञता से संभव हुई है। हेरिटेज फाउंडेशन के निदेशक डॉ. भुजंग बाबोडे ने तकनीकी मार्गदर्शन, डिजिटलीकरण उपकरण और प्रशिक्षित कर्मियों को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदान किया, कि पूरी प्रक्रिया वैश्विक संरक्षण मानकों का पालन करे। प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने हेरिटेज फाउंडेशन के साथ इस सार्थक सहयोग के लिए लाइब्रेरी विभाग के प्रयासों की सराहना की, जिसमें कि पुस्तकालय के भविष्य की समृद्ध संभावनएं है। उन्होंने सराहना की कि इस पहल ने शोधकर्ताओं और समाज दोनों के लिए पहुंच में सुधार करते हुए नाजुक और दुर्लभ दस्तावेजों को संरक्षित करने की पुस्तकालय की क्षमता को काफी हद तक बढ़ाया है। लाइब्रेरियन श्रीमती श्वेता ने बताया कि डिजिट्ल संस्करण उच्च-रिज़ॉल्यूशन स्कैनिंग और मेटाडेटा इंडेक्सिंग का उपयोग करके बनाए गए थे ताकि आसानी से पुनः प्राप्ति और अकादमिक संदर्भ का समर्थन किया जा सके, जिससे शोध को बढ़ावा मिले और यह सुनिश्चित हो कि हमारी समृद्ध विरासत अन्वेषण और सीखने के लिए उपलब्ध रहे। पुस्तकालय स्टाफ के सदस्य श्री अरुण पराशर, श्री राम चंद्र, श्री चंदन नेगी, श्री मनबर सिंह, श्रीमती शबनम देवी, श्रीमती सुरिंदर कुमारी, श्री अविनाश और श्री राहुल ने भी इस अत्यंत उपयोगी अभ्यास में योगदान दिया।