जालंधर: जालंधर के बिरसा बिहार के प्रांगण में डॉक्टर सत्यपाल आर्ट गैलरी के सौजन्य से शहर वासियों और ग़ज़ल प्रेमियों के लिए एक संगीतमय शाम का आयोजन किया गया इस शाम का शीर्षक था अंदाजे बयान और गायक थे जालंधर के पीछे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स के प्रसिद्ध संगीतकार प्रोफेसर विवेक वर्मा संगीतमय शाम का आयोजन भारत ही नहीं अपितु विश्व प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह की याद में किया गया उर्दू जाने वालों की मिली कत्थक समझी जाने वाली नवाबों की दुनिया में जन्नति और शायरों की महफिलों में वाह-वाह की दाद पर इतराती गजलों को आम आदमी तक पहुंचाने का श्रेय अगर किसी को दिया जाता है तो वह एक नाम है जगजीत सिंह उन्होंने गजलों को ना सिर्फ उर्दू के कम जानकारों तक पहुंचा कर ग़ालिब मीर मजार जोश और फिर आप जैसे शायरों से परिचित करवाया बल्कि अपनी सुमधुर आवाज लोकप्रिय संगीत तथा जनसाधारण की भाषा शैली से विश्व ख्याति हासिल की इसी पदमा विभूषित जगदीश सिंह को याद करवाया प्रोफेसर डॉ विवेक वर्मा ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के संगीत विभाग में अपने पिता तथा गुरु सीएल वर्मा जो स्वयं एक गायक संगीतकार है से संगीत की शिक्षा लेने वाले डॉक्टर विवेक अभूतपूर्व तथा विलक्षण प्रतिभा के स्वामी हैं क्लासिकल तथा लाइट म्यूजिक दोनों पर एक ऐसी पकड़ रखने वाले डॉक्टर विवेक वर्मा हरीवल्लभ संगीत सम्मेलन में भी अपना एक निश्चित मुकाम बना चुके हैं इस संगीतमय ईशान के आयोजन में डॉक्टर सुचारिता शर्मा डायरेक्टर एपीके एजुकेशन सोसाइटी डॉ सत्यपाल आर्ट गैलरी तथा वाइस चांसलर एपीजे सत्य यूनिवर्सिटी जनरल बलविंदर सिंह ने बिहार जालंधर की तरफ आए हुए विशेष अतिथियों का सम्मान किया संगीत में शाम की शुरुआत जालंधर शहर के लोकप्रिय डिप्टी कमिश्नर घनश्याम तथा गगन कुंद्रा डिप्टी कमिश्नर इनकम टैक्स द्वारा शम्मा जला कर की गई इस मौके पर प्रमुख अतिथि के तौर पर मैसेज पूर्णिमा बेरी चेयर पर्सन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर लीडर बालबज लिमिटेड ने शिरकत की शहर के अनेक गणमान्य व्यक्तियों संगीत प्रेमियों ने इस संगीत संध्या का मान बढ़ाया डॉक्टर विवेक वर्मा ने जगजीत सिंह की कई प्रसिद्ध गजलों का अपने अंदाज बयां गाकर श्रोताओं को मंत्र मुक्त कर दिया याद नहीं क्या क्या देखा सारे मंजर भूल गए पर वाह-वाह बटोरने के उपरांत जब विवेक ने तेरे आने की जब खबर महके पर श्रोताओं के वनस मोर बनारस मोर पर तालियों की गड़गड़ाहट से दर्शक को हिला दिया इसके उपरांत तेरे बारे में जब सोचा नहीं था मैं तन्हा था मगर इतना नहीं था एवं कोई फरियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे ने तो जैसे सब का दिल ही लूट लिया हो जगजीत सिंह की जब अगली ग़ज़ल डॉक्टर विवेक वर्मा ने गाई तुमको देखा तो यह ख्याल आया तथा होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज मैं दर्शक दीर्घा में बैठे श्रोताओं को उद्धृत कर दिया इस संगीतमय संख्या के सफल आयोजन के लिए डॉक्टर विवेक वर्मा को सम्मानित किया गया तथा सुचारिता शर्मा मेजर जनरल बलविंदर सिंह ने मुख्य अतिथियों तथा शहर के गणमान्य व्यक्तियों तथा श्रोताओं का आभार व्यक्त किया

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