दिल्ली: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक और बड़ा कानूनी झटका लगा है। फेडरल कोर्ट ने उस निर्णय पर रोक लगा दी है, जिसके तहत ट्रंप प्रशासन कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के लिए जारी फंड को तुरंत रोकना चाहता था। यह फैसला उस समय आया है जब ट्रंप सरकार कई विश्वविद्यालयों पर यह आरोप लगाकर कार्रवाई कर रही है कि वे नस्लीय भेदभाव और यहूदी-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। सैन फ्रांसिस्को की जिला अदालत की जज रीटा लिन ने साफ कहा कि प्रशासन विश्वविद्यालय को न तो फंड में कटौती कर सकता है और न ही उस पर कोई त्वरित जुर्माना लागू कर सकता है। इतना ही नहीं, कोर्ट ने उन यूनियनों और संगठनों की याचिका पर भी सहमति जताई है, जो छात्रों, कर्मचारियों और फैकल्टी के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनका दावा है कि ट्रंप प्रशासन विरोधी आवाज़ों को दबाने के इरादे से कार्रवाई कर रहा है, जो अमेरिकी संविधान का उल्लंघन है।

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