
तरनतारन : लगातार बढ़ती सर्दी के मौसम ने एक बार फिर छाती व सांस से संबंधित बीमारियों को बढ़ा दिया है। जिले के सरकारी और निजी अस्पतालों में पिछले एक सप्ताह में अस्थमा, निमोनिया, खांसी और सांस फूलने वाले मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। चिकित्सकों का कहना है कि मौसम में तेजी से गिर रहा तापमान व हवा में फैला प्रदूषण वायरल इंफेक्शन की मुख्य वजह है।अस्पतालों के अनुसार ओ.पी.डी. में रोजाना पहले की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत अधिक छाती संबंधी मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं गंभीर मरीजों को आई.पी.डी. में दाखिल करने की संख्या भी बढ़ी है। ज्यादातर मरीजों में लगातार खांसी, सीने में जकड़न, बुखार और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्ष्ण पाए जा रहे हैं। बच्चों व बुजुर्गों में यह समस्या ज्यादा देखी जा रही है, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कमजोर होती है।बाल रोग विशेषज्ञों ने बताया कि ठंड में बच्चों को सर्दी-खांसी जल्दी पकड़ती है और यह आगे चलकर निमोनिया की शक्ल ले सकती है। डॉक्टरों ने माता-पिता को सलाह दी है कि छोटे बच्चों को बार-बार ठंडी हवा के संपर्क में न आने दें। उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं, रात में कमरे का तापमान संतुलित रखें और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ले जाने से बचें। डॉक्टरों ने बताया कि जिन बच्चों को पहले से अस्थमा की समस्या है, उन्हें नियमित दवाइयां और इन्हेलर समय पर देना बेहद जरूरी है।