
दिल्ली की हवा अगले 72 घंटे में और भी जहरीली होने की संभावना जताई जा रही है। पिछले कुछ दिनों से राजधानी में स्मॉग की चादर छाई हुई है, जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) हर रोज 300 के पार जा रहा है। 29 अक्टूबर की सुबह AQI 274 दर्ज किया गया, लेकिन आने वाले तीन दिनों में यह स्थिति और बिगड़ सकती है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है। इसके अलावा, उद्योगों से निकलने वाले धुएं और निर्माण गतिविधियों से भी प्रदूषण बढ़ता है। इस बार, दिवाली के अवसर पर पटाखों के फोड़ने से वायु प्रदूषण के स्तर में और वृद्धि होने की संभावना है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने पटाखों पर बैन लगाया है, लेकिन इस प्रतिबंध के बावजूद प्रदूषण बढ़ने की आशंका बनी हुई है। ग्रैप-1 और ग्रैप-2 के नियम भी लागू हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ये उपाय स्थिति में सुधार नहीं कर पाएंगे।
स्काईमेट मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि वर्तमान में AQI 274 होने का कारण 10-18 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली दक्षिण-पूर्वी हवाएं हैं। 26 अक्टूबर से उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने लगीं, जिससे पराली जलाने की घटनाओं में भी कमी आई है। केंद्र के DSS के आंकड़ों से पता चला है कि रविवार को दिल्ली के PM 2.5 में पराली जलाने का योगदान लगभग 3.34% था। यह शनिवार को लगभग 5.5% और शुक्रवार को 14.6% से कम था। इस मौसम में दिल्ली के PM 2.5 में इजाफा होने का प्रमुख कारण 23 अक्टूबर को 15.97% पराली में आग लगने की घटनाएं रहीं। पिछले वर्षों में, पराली जलाने के कारण दिल्ली में प्रदूषण स्तर में अत्यधिक वृद्धि देखने को मिली है, और यह स्थिति इस वर्ष भी चिंताजनक बनी हुई है।