जालन्धर :गत दिवस  21 सितम्बर  को जालंधर ब्रांच के द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ रोटरी क्लब प्रधान श्रीमती धन्या नायर, श्रीमती रेणु बाला (पंजाब महिला हॉकी टीम कोच एवं अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी), श्री मति निधि कोहली, ख्याति कोहली, श्रीमती नूपुर गुप्ता (लेफ्टिनेंट कर्नल) श्रीमती सीमा कैंटबोर्ड, जालंधर कैंट, लघु उद्योग भारती की ओर से श्रीमती सीमा धूमल और श्रीमती आरती सचदेवा, इनर व्हील क्लब की ओर से श्री मति इंद्रकिरण तूर, जिमखाना क्लब से श्री मति वंदना दलाल, श्री मति ममता गुप्ता और पूर्व उप प्रधान श्री मति स्नेह गुप्ता कैंटबोर्ड, श्री मति सोनिया तलवाड़, रायना तलवाड़ एवं साध्वी तपस्विनी भारती जी, साध्वी रूपेश्वरी भारती जी, साध्वी पल्लवी भारती जी, साध्वी मनेंद्रा भारती जी द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
संतुलन द्वारा आयोजित यह उत्सव महिला सशक्तिकरण को दर्शाते हुए “भर हुंकार महिष मर्दिनी सी” की थीम पर आधारित था। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह समझाना था कि हर नारी के भीतर एक महिष मर्दिनी विराजमान है,  बस जरूरत है तो आत्म जाग्रति के मार्ग पर चल दृढ़ संकल्पित बनने की व स्वयं को जाग्रत करने की।

दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या सुश्री साध्वी तपस्विनी भारती जी ने कार्यक्रम की थीम “भर हुंकार महिष मर्दिनी सी” को विस्तार से समझाते हुए बताया कि आज के इस युग में एक नहीं अपितु अनेक महिषासुर हैं, जो कभी सामाजिक प्रतिबंध तो कभी असामाजिक तत्वों के रूप में नारी के मार्ग में अवरोधक बनते हैं। किंतु एक नारी को देवी महिष मर्दिनी से प्रेरणा लेकर आत्म जाग्रत बन सभी अवरोधकों का विनाश कर आगे बढ़ना होगा।
कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्थान की girls Volunteers ने अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते , नृत्य के द्वारा देवी स्तुति की गयी।
छोटी बच्चियों के द्वारा रानी लक्ष्मी बाई नृत्य किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण महाकाली और रक्तबीज कोरियोग्राफी रहा और गरबा नृत्य रहा।
कार्यक्रम के अंत में साध्वी जी ने उत्सव की थीम का सार समझाते हुए उपस्थित सभी मुख्य अतिथि एवं अन्य सम्माननीय अतिथियों का अभिनंदन किया।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एक सामाजिक एवं आध्यात्मिक संस्था है, जिसका ध्येय है- आध्यात्मिक जाग्रति द्वारा विश्व में शांति। संस्थान द्वारा नशा मुक्ति हेतु बोध, अभावग्रस्त बच्चों की शिक्षा हेतु मंथन, महिला सशक्तिकरण हेतु संतुलन, पर्यावरण संरक्षण हेतु संरक्षण, समाज के संपूर्ण स्वास्थ्य, गौ संरक्षण, संवर्धन एवं नस्ल सुधार, आपदा प्रबंधन तथा नेत्रहीनों, अपाहिज़ों के सशक्तिकरण के साथ-साथ जेल के कैदी बंधुओं के लिए भी समाज कल्याण के प्रकल्प चलाए जा रहे हैं।

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