हैल्थ इफेक्ट्स इंस्टिट्यूट, इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन और यूनिसेफ द्वारा जारी नई रिपोर्ट “स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2024 के मुताबिक दुनिया में बढ़ता वायु प्रदूषण हर घंटे पांच साल या उससे कम उम्र के 80 बच्चों की मौत की वजह बन रहा है। यदि 2021 के आंकड़ों पर गौर करें तो दुनिया भर में पांच वर्ष या उससे कम आयु के 709,000 से अधिक बच्चों की मौत के लिए वायु प्रदूषण जिम्मेवार था।
यह दुनिया भर में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की कुल मौतों का 15 फीसदी है। इनमें से 72 फीसदी मौतें जहां घरों में होते प्रदूषण की वजह से हुई, जबकि 28 फीसदी के लिए पीएम 2.5 को जिम्मेवार माना गया है। इस रिपोर्ट में दुनिया भर में वायु गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है।रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि कुपोषण के बाद वायु प्रदूषण पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। इनमें समय से पहले जन्म, जन्म के समय कम वजन, अस्थमा और फेफड़ों की बीमारियां शामिल थी। वायु प्रदूषण की वजह से जान गंवाने वाले पांच लाख बच्चों की मौत के लिए दूषित ईंधन और घर के अंदर भोजन तैयार करने के दौरान होने वाला वायु प्रदूषण जिम्मेवार था। इनमें से अधिकांश मौतें अफ्रीका और एशिया में दर्ज की गई।
रिपोर्ट में कई हैरान कर देने वाले खुलासे भी किए गए हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो 2021 में दुनिया भर में हुई 81 लाख मौतों के लिए वायु प्रदूषण को जिम्मेवार माना है। जो उसे दुनिया भर में दूसरा सबसे बड़ा हत्यारा बनाता है। बड़े तो बड़े बच्चे भी आज हवा में घुलते जहर से सुरक्षित नहीं है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में पांच वर्ष या कम उम्र के बच्चे इस जहर के भेंट चढ़े हैं।