जालंधर :  कैपीटौल अस्पताल, जालंधर में 57 वर्षीय महिला रोगी का मसल इनवेसिव ब्लैडर कैंसर का सफल इलाज किया गया। यह अस्पताल के मिशन में एक और बड़ी उपलब्धि है, जिसका उद्देश्य पंजाब में ही आधुनिक और उच्च स्तरीय कैंसर उपचार उपलब्ध कराना है।

रोगी को पिछले दो साल से पेशाब में खून आ रहा था, लेकिन उन्होंने इलाज नहीं करवाया। अचानक तेज़ रक्तस्राव होने पर उन्हें अस्पताल लाया गया। यहाँ उनका इलाज डॉ. वरिंदर विरदी (कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट, किडनी ट्रांसप्लांट और यूरो-ऑन्कोसर्जन) ने किया।

शुरुआत में सिस्टोस्कोपी और TURBT जांच की गई, जिसमें ब्लैडर कैंसर की पुष्टि हुई। इसके बाद डॉक्टरों ने रेडिकल सिस्टेक्टॉमी विद इलियल कॉन्डुइट नाम की जटिल सर्जरी की। इस सर्जरी में मूत्राशय, गर्भाशय, अंडाशय और योनि का एक हिस्सा हटा दिया गया।

लगभग आठ घंटे चली इस सर्जरी को टीम ने सफलतापूर्वक पूरा किया। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं और कैंसर-मुक्त जीवन जी रही हैं।

इस उपलब्धि पर कैपीटौल अस्पताल के चेयरमैन डॉ. सी.एस. पृथी ने कहा:”कैपीटौल अस्पताल में हम पूरी तरह सुसज्जित कैंसर केयर सुविधाएं प्रदान करते हैं। यह केस हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है – समय पर इलाज और बहु-विषयक दृष्टिकोण मरीज की जान बचा सकते हैं।”

 

डा. हरनूर सिंह प्रुथी, Director – Medical, ने जोड़ा:
“कैंसर देखभाल के लिए केवल विशेषज्ञता ही नहीं, बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और टीमवर्क भी जरूरी है। कैपिटल में, हमने क्षेत्र की सबसे मजबूत ऑन्कोलॉजी सुविधाओं का विकास किया है, जिसमें सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन और उन्नत इमेजिंग शामिल हैं। हमारा लक्ष्य है कि मरीजों को विश्वस्तरीय इलाज के लिए दूर न जाना पड़े। उन्होंने यह भी समझाया कि शुरुआती पहचान बेहतर परिणामों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कैंसर को शुरुआती चरण में पहचानने से सफल इलाज और रिकवरी की संभावना काफी बढ़ जाती है। यह केस इस बात का शानदार उदाहरण है कि कैसे समय पर निदान के साथ व्यापक कैंसर देखभाल स्वास्थ्य और आशा दोनों लौटा सकती है।”

 

डॉ. वरिंदर विरदी (कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट, किडनी ट्रांसप्लांट और यूरोऑन्कोसर्जन), जिन्होंने सर्जरी का नेतृत्व किया, ने बताया:
मांसपेशियों में फैलने वाले ब्लैडर कैंसर में समय पर रेडिकल सर्जरी जरूरी है। मरीज़ और उनके परिवार के सहयोग से सर्जरी सफल रही। अब वह सामान्य जीवन जी रही हैं, यही इस तरह की बड़ी सर्जरी की असली सफलता है।

उन्होंने ब्लैडर कैंसर के प्रमुख जोखिम और लक्षण भी बताए। प्रमुख जोखिम हैं – धूम्रपान, रसायनों के संपर्क (रंग, पेंट या प्लास्टिक उद्योग), पुरानी मूत्र संक्रमण, 50 साल से ऊपर उम्र और पारिवारिक इतिहास। लक्षणों में शामिल हैं – मूत्र में खून, पेशाब में जलन या दर्द, बार-बार पेशाब आना, मूत्र पर नियंत्रण की समस्या, पेट या पीठ में दर्द और अचानक वजन या ताकत में कमी।

समय पर निदान और इलाज बेहद जरूरी है। ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।

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