जालन्धर : दोआबा कालेज में कालेज विद पोटैंशियल फार एक्सीलैंस-सीपीई के अन्तर्गत सात दिवसीय इनोवेशन इन टीचिंग, लर्निंग व रिसर्च पर राष्ट्रीय (एफडीपी) फैक्लटी डिव्लैपमैंट प्रोग्राम के दूसरे व तीसरे दिन रिसर्च, आईसीट टूल्स व मूक पर गहन चिंतन किया गया जिसमें डॉø गिरीश तिनेजा-डीएवी यूनिवर्सिटी, डॉø सुखदेव सिंह- अंग्रेजी विभाग-जीएनडीयू, डॉø गुरविन्दर सिंह- क प्यूटर साईंस विभाग जीएनडीयू, डॉø तजिन्दर सिंह- प्रोडूसर – ईएमआरसी- पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, डॉø उमेश आर्या- जेएमसी विभाग- गुरु ज बेश्वर यूनिवर्सिटी तथा डॉø रोशन लाल- अंग्रेजी विभाग-सैंटर यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश बतौर रिसोर्सपर्सन उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनन्दन प्रिं. डॉø नरेश कुमार धीमान, डा. अविनाश बावा-आर्गेनाइजिंग सैक्रेटरी, प्रो. सुरेश मागो को-आर्गेनाइजिंग सैक्रेटरी, प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने किया।
डॉø गिरीश तिनेजा ने क्वालटी रिसर्च पेपर लिखने के गुर बताते हुए कहा कि इसमें सही व स्टीक वर्किंग थीसिस स्टेटमैंट, बढिय़ा टाईटल, ब्रिफ एैबस्ट्रैक्ट, इंट्रोडक्शन व बैकग्राउंड इन्फोरमेशन, मटीरियल एण्ड मैथेट्स, लिमीटेशन व सही मैथेडलोजी इत्यादि के बारे में बताया तथा उक्त रिसर्च पेपर को सही रिसर्च जनरल में छपवाने की सलाह दी । डॉø सुखदेव सिंह ने अपने टॉपिक लिंकिंग एैजुकेशन टू लाईव में न्ये मॉडल्स ऑफ ग्रेमेटिकल डिस्क्रिप्शनस तथा टीचिंग लैंगुएज के आपसी ताल-मेल व उनके जीवन में रोल के बारे में चर्चा की जिससे कि जीवन व क युनिकेशन में लैंग्रुएटे के माध्यम से बढिय़ा ताल-मेल बिठाया जा सकता है । डॉø गुरविन्दर सिंह ने मूक- मैसिव ओपन ऑनलाईन कोर्सिस तथा स्वयंस पोर्टल की अहमीयत के बारे में बताया कि एक टीचर अपने रिकॉर्डड लैक्चरस के द्वारा किसी भी कौर्स में विद्यार्थियों को बढिय़ा क्वालिटी मटीरियल तैयार कर सकता है । डॉø तेजिन्दर सिंह ने मूक की प्लेनिंग, प्रिप्रेशन व ऐग्जीकुशन पर चर्चा करते हुए मूक के प्रोग्राम प्रिप्रेयर करने के तौर तरीके बताये तथा कहा कि पूरे विश्व में यह बहु-प्रचलीत और आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने व प्रदान करने का अहम माध्यम है । डॉø उमेश आर्या ने टीचिंग व रिसर्च में आईसीटी टूल्स-ऑडियो कान्फ्रैसिंग, ऑडियो ग्राफिक कान्फ्रैसिंग, वीडियो कान्फ्रैसिंग व वेब बेस्ड कान्फ्रैसिंग के इस्तेमाल द्वारा हम बढिय़ा लर्निंग प्रदान कर सकते हैं । डॉø रोशन लाल ने रिसर्च बैस्ड टीचिंग विषय के तहत कहा कि हर शिक्षक में बढिय़ा रिसर्चर बनने का पोटैंशियल होना चाहिए तभी वह क्लासरूम में विशिष्ट व्यक्तिगत दृष्टिकोण के द्वारा अपने विद्यार्थी में शोध करने, लगन से पढऩे तथा स्टीकता से ज्ञान अर्जित करने के गुर पैदा कर सकता है ।
प्रिं. डॉø नरेश कुमार धीमान, डॉø अविनाश बावा, प्रो. सुरेश मागो ने सभी वक्ताओं को स मान चिह्न देकर स मानित किया ।दोआबा कालेज में चल रहे फैकल्टी डिव्लैपमैंट प्रोग्राम में डॉø गिरीश तिनेजा, डॉø सुखदेव सिंह, डॉø गुरविन्दर सिंह, डॉø तजिन्दर सिंह, डॉø उमेश आर्या व डॉø रोशन लाल उपस्थित को स बोधित करते हुए ।