लखनऊ : (अकाश) बदायूं में गैंगरेप पीड़िता ने न्याय न मिलने के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 3 लोग उसे रोडवेज बस स्टैंड से पति की बीमारी की बात कह कर अपने साथ दिल्‍ली ले गए. यहां वो बारी-बारी एक हफ्ते तक उसके साथ गैंगरेप करते रहे. पीड़िता ने आरोपियों के चुंगल से छूटने के बाद अपने पिता को घटना की पूरी जानकारी दी. जिसके बाद उसके पिता दिल्ली आए और गैंगरेप की शिकार अपनी बेटी को लेकर घर आए.

पीड़िता और उसका परिवार न्याय पाने के लिए लगातार पुलिस के चक्कर काटते रहे, लेकिन उनकी नहीं सुनी गई. पुलिस की बेरूखी से परेशान होकर पीड़िता और उसके परिवार ने तब बरेली एडीजी से अपने साथ हुए अत्याचार की शिकायत. इसके 3 दिन पहले दातागंज कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया.

15 मई को दातागंज कोतवाली क्षेत्र की एक विवाहिता अपना अल्ट्रासाउंड कराने बदायूं शहर आई थी. जब वो बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रही थी, तभी वहां उसे 3 लोग मिले. इसमें से समीर नाम का युवक उसे पहले से जानता था. उसने बताया कि उसके पति की तबियत बहुत खराब है और देखने के बहाने वो उसे बदायूं से दिल्‍ली ले गए. पीड़िता के परिजनों ने बताया कि बेटी का उनके पास जब फोन आया तब उसने बताया कि मेरे साथ 3 लोगों ने एक हफ्ते तक गैंगरेप किया है.

पीड़िता के पिता दिल्ली से अपनी बेटी को लेकर 26 मई को घर लौटे तभी से वो लगातार पुलिस के चक्कर काटते रहे. मगर किसी ने पीड़िता की एक न सुनी. इसके बाद बरेली एडीजी के आदेश पर 12 जून को दातागंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई.

पीड़िता ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा जिसमें उसने कहा है कि मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूं. मेरे साथ 3 लोगों ने गैंगरेप किया. इसके बाद मैं दातागंज कोतवाल के चक्कर काटे मगर उन्होंने मेरी एक न सुनी. मुझे न्याय केवल एसपी बदायूं ही दे सकते हैं और मुझे उन पर पूरा भरोसा है. समीर, जोएब और अरबाज को जब सजा मिलेगी तब मुझे सकून मिलेगा.

वहीं, पीड़िता ने आगे लिखा कि दातागंज कोतवाल मेरे पिता को डांटकर भगा देते हैं. मेरी उन्होंने एफआईआर तक नही लिखी है. मैं रोज-रोज बयान देकर परेशान हो गई हूं.

12 जून को एडीजी बरेली ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश सीधे सीओ दातागंज को दिया था. मगर तब भी 4 दिन तक पुलिस सोती रही और जब घटना हो गई तब उन्होंने गैंगरेप की एफआईआर दर्ज की.

पीड़ित महिला के आत्महत्या के बाद एसएसपी ने शव का पोस्टमॉर्टम पैनल से कराने का आदेश दिया है. इसके अलावा सभी आरोपियों, पीड़िता की कॉल डिटेल मंगाई है कि आखिर घटना कहां हुई है.

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