जंडियाला/15मई: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज पंजाबियों से उस साजिश को समझने की अपील की जिसके तहत भाई अमृतवाल सिंह को खडूर साहिब हलके से एक आजाद उम्मीदवार के रूप में उतारा जा रहा है,साथ ही उन्होने सिखों से यह निर्धारित करने के लिए कहा कि क्या एक व्यक्ति जिसने एक साल पहले ही सिक्खी सरूप धारण किया, वह उनका नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त है यां उनकी अपनी 103 साल पुरानी पार्टी जो उनके पूर्वजों के खून में डूबी हुई है।

अकाली दल अध्यक्ष ने यहां और बाबा बकाला में पार्टी उम्मीदवार सरदार विरसा सिंह वल्टोहा के समर्थन में विशाल सार्वजनिक मीटिंगें करते हुए कहा,‘‘ एक व्यक्ति जिसने एक साल पहले ही ‘चोला’ पहना और ‘अमृत छका’, वह पंथ का प्रतिनिधित्व कैसे कर सकता है, जबकि अकाली दल 103 साल पुरानी पार्टी है तथा इसका पंथ के मूल्यों की रक्षा करने का टै्रक रिकाॅर्ड है।’’ उन्होने लोगों से यह मूल्याकंन करने का आग्रह करते हुए कहा कि क्या अमृतपाल की केंद्रीय एजेंसियों द्वारा सहारा दिया गया था। उन्होने कहा,‘‘ इसका अन्य स्पष्टीकरण क्या हो सकता है कि एक व्यक्ति को पहले प्रचारित किया गया, फिर पेश किया गया और उसके बाद गिरफ्तार किया गया और अब उसे सुरक्षित हिरासत में रखा जा रहा है और उसे संसदीय चुनावों में एक उम्मीवार के रूप में अकाली दल की लोकप्रियता का मुकाबला करने के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। ’’ उन्होने अमृतपाल के पहले के रूख के विरोधाभास की ओर भी इशारा किया कि वह राजनीति में नही जाना चाहते थे, वह केवल ‘अमृत प्रचार’ और ड्रग्ज के खतरे से लड़ने में रूचि रखते थे। उन्होने कहा,‘‘यह भी एक तथ्य है कि डिब्रूगढ़ में एनएसए के तहत कैद होनेे के बावजूद अमृतपाल को अपना नामांकन पत्र दाखिल करने की सुविधा दी गई।’’
अकाली दल अध्यक्ष ने सवाल किया कि अमृतपाल कैसे ‘‘कौम’’ की अगुवाई कर सकते हैं जबकि वह एक साल भी जेल में नही रह सकते। उन्होने कहा,‘‘ जब सरदार परकाश सिंह बादल 16 साल जेल में रहे तो हमारे परिवार ने उन्हे छूड़ाने के लिए धरना नही दिया।’’ उन्होने यह भी स्पष्ट किया कि अमृतपाल बंदी सिंहों के लिए बल्कि खुद को आजाद कराने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होने कहा,‘‘ बंदी सिंहों के सभी परिवार अकाली दल के साथ हैं।’’

अकाली दल अध्यक्ष ने मतदाताओं से मतदान का दिन 1 जून याद रखने की अपील करते हुए कहा कि इसी दिन 1984 में इंदिरा गांधी ने श्री दरबार साहिब पर टैंकों और तोपों से हमला किया था। उन्होने कहा कि सिखों को यह भी याद रखना चाहिए कि 1984 में कांग्रेस प्रायोजित कार्यक्रम के तहत दिल्ली और अन्य जगहों पर उनके भाइयों का किस तरह से कत्लेआम किया गया था।

भारतीय जनता पार्टी के बारे में बोलते हुए सरदार बादल ने कहा,‘‘ वह चुनाव हार रही है। 400 सीटें हासिल करना तो भूल ही जाइए , वह 200 सीटे भी सुरक्षित नही कर पाएगी।’’ उन्होने भाजपा द्वारा चलाए जा रहे विभाजनकारी एजेंडे की भी निंदा करते हुए कहा कि प्रत्येक अल्पसंख्यक को समाज में बहुसंख्यक वर्ग के समान अधिकार है।

खडूर साहिब से पार्टी उम्मीदवार सरदार विरसा सिंह वल्टोहा ने बताया कि कैसे अमृतपाल सिंह के हमवतन, जो उनके साथ डिब्रूगढ़ जेल में कैद हैं, ने उनके चुनाव लड़ने के फैसले के खिलाफ विरोध किया था। उन्होनेे कहा कि दस में से सात कैदियों को एक अलग बैरक में स्थानांतरित कर दिया गया और अब वे खाना भी अलग से खा रहे हैं। उन्होने यह भी बताया कि कैसे उन्होने एनएसए के तहत कुल 7.5 साल की सजा में से तीन साल अपने पैरों में जंजीरों के साथ बिताए थे। उन्होने यह भी खुलासा किया कि साढ़े नौ महीने तक उनके परिवार वालों को उनसे मिलने नही दिया गया था।

इसके बाद उन्होन अटारी, अमृतसर(दक्षिण) और अमृतसर(पश्चिम) में भी पार्टी के समर्थन में पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार अनिल जोशी के समर्थन में विशाल रैलियां निकाली।

इस दौरान बलजीत सिंह जलालउसमां, सतिंदरजीत सिंह छज्जलवंढ़ी, गुलजार सिंह रणीके , सुरजीत सिंह पहलवान और गुरप्रीत सिंह रंधावा ने भी सभा को संबोधित किया।

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