जालंधर। अवैध रेत खनन और तबादलों की एवज में करोड़ों रुपए अर्जित करने के आरोप झेल रहे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपेंद्र सिंह हनी को अदालत ने एक बार फिर से जमानत नहीं दी है। एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) की तरफ से की गई छापेमारी के बाद भूपेंद्र सिंह हनी को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके बाद से भूपेंद्र सिंह हनी जेल में ही बंद है। माननीय अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 27 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है। बुधवार को हनी को अदालत में पेश नहीं किया गया बल्कि वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई हुई।ईडी की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है और उनसे लगभग साढ़े 4 घंटे तक पूछताछ भी हो चुकी है। ईडी की तरफ से इस मामले में अदालत में चार्जशीट दायर कर दिए जाने के बाद भूपेंद्र सिंह हनी एवं उसके करीबी साथी कुदरत दीप सिंह की तरफ से अदालत में रेगुलर जमानत के लिए याचिका दायर की गई है, जिसके ऊपर उन्हें फिलहाल राहत नहीं मिल रही है।ईडी ने इसी साल जनवरी में भूपिंदर सिंह हनी के मोहाली स्थित घर पर छापामारी की थी। जांच एजेंसी को उसके पास से करीब 8 करोड़ रुपये कैश मिला था। इसके बाद हनी के सहयोगी के घर से भी 2 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। इसके बाद फरवरी में ईडी ने हनी को गिरफ्तार कर लिया था। विधानसभा चुनाव के दौरान इस कार्रवाई के बाद विरोधियों ने दावा किया था कि ये पैसा तत्कालीन सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का है। ईडी की पूछताछ में हनी ने माना था कि उसने खनन अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए रुपये वसूले थे। हालांकि उसने यह पैसा चरणजीत सिंह चन्नी का होने की बात से इन्कार कर दिया था।

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