लुधियाना: सभी सरकारी स्कूलों में 8वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को दोपहर का भोजन पी.एम. पोषण स्कीम (पुराना नाम मिड-डे मील) के अंतर्गत दिया जाता है। अब चाहे इसे गाइडलाइन को लागू करवाने में कमी कहें या फिर इसका फीडबैक लेने में अधिकारियों की बरती गई ढील लेकिन पी.एम. पोषण स्कीम के अधीन आने वाले नियमों को पूरा करने में पूरी लापरवाही बरती जा रही है।
इस बात का खुलासा पंजाब मिड-डे मील सोसायटी द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी एक पत्र में हुआ है। इसके मुताबिक स्कीम की गाइडलाइन्स के अनुसार बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील का सैंपल टैस्ट करवाना लाजिमी करारा किया गया है। लेकिन किसी भी जिले द्वारा साल 2023-24 के दौरान स्कूल में बच्चों को दिए जाने वाले खाने का सैंपल टैस्ट नहीं करवाया है जबकि भारत सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार टैस्टिंग करवाना अनिवार्य है। प्लानिंग अप्रूवल बोर्ड की आयोजित मीटिंग में सचिव स्कूल शिक्षा भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के बाद पंजाब स्टेट मिड-डे मील सोसायटी द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (सैकेंडरी और एलीमैंट्री शिक्षा) को विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। गाइडलाइंस के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही खत्म होने से पहले जिले के अंतर्गत आते सभी स्कूलों में से एक प्राइमरी, एक मिडिल/हाई और एक सीनियर सैकेंडरी स्कूल द्वारा अपने जिले अथवा नजदीकी जिले की एन.ए.बी.एच. एक्रेडिटेड लैब/एफ.एस.एस.ए.आई. से पके हुए भोजन का टैस्ट करवाना सुनिश्चित किया जाए और रिपोर्ट मुख्य कार्यालय को भेजी जाए। इस पर आने वाला खर्च मिड-डे मील सोसायटी द्वारा दिया जाएगा