जालंधर: बाजवा ने सोर्स नहीं बताया तो एफआईआर दर्ज की गई। बाजवा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 197 (1) (डी) व 353 (2) में मोहाली के साइबर क्राइम पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई। बीएनएस की धारा 197 (1) (डी) भारत की सुरक्षा, एकता व अखंडता को खतरे में डालने वाली झूठी व भ्रामक सूचना का प्रचार करने के आरोप को लेकर है। 353 (2) विभिन्न समुदायों में द्वेष फैलाने के इरादे से फैलाई गई गलत सूचना को लेकर है।काउंटर इंटेलीजेंस की पूछताछ के बाद बाजवा ने कहा-मैं संवैधानिक पद पर हूं। चार मुख्यमंत्रियों के साथ काम कर चुका हूं। पंजाब में मंत्री रहा। सांसद और राज्यसभा सदस्य भी। मेरा सोर्स कहीं का भी हो सकता है। एक उच्चाधिकारी ने बताया कि मैं भी निशाने पर हो सकता हूं। 1987 में मेरे पिता मारे गए थे। 1990 में बटाला में मुझ पर बम अटैक हुआ। भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के घर बम अटैक हुआ है। मुख्यमंत्री केस करना चाहते हैं तो स्वागत है, पर मैं सोर्स नहीं बताऊंगा। पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर अटैक हुआ, उन्हें तो पता ही नहीं चला। मैं बयान पर कायम हूं। सीएम पंजाब को गंभीरता से लें, मैं सहयोग दूंगा। पुलिस से असहयोग जैसी बात नहीं, अफसर की भी मजबूरी होती हैकांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा पर एफआईआर दर्ज होने से पूर्व मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘कांग्रेस नेता अपने दावे को साबित करने या लोगों में दहशत फैलाने के लिए कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहें। बाजवा के पंजाब में 50 बमों की तस्करी के बयान के पीछे उनके पाकिस्तान में सक्रिय पंजाब विरोधी ताकतों से गहरे पारिवारिक संबंध हैं, क्योंकि खुफिया एजेंसियों के पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।