
श्री एस आर लाधर ने माननीय मुख्यमंत्री पंजाब जी को पत्तर लिख कर माँग के है के एजेहे कैम्प तुरंत प्रभाव से बंद करवा दिये जाए जहाँ अधिआपकों की ड्यूटी लगायी गई है। आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब सरकार ने एक बार फिर गरीबों और अनुसूचित जाति (SC) के विद्यार्थियों के प्रति अपनी असंवेदनशीलता साबित की है। “बाढ़ राहत शिविरों” के नाम पर स्कूल शिक्षकों को जबरन तथाकथित बाढ़ ड्यूटी पर भेजा जा रहा है — वह भी अक्टूबर महीने में, जब न तो बारिश है और न ही राज्य में कहीं कोई बाढ़ की स्थिति।
इस मनमाने फ़ैसले से सरकारी स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गई है, विशेषकर ग्रामीण और अनुसूचित जाति बहुल इलाकों में। हजारों गरीब SC विद्यार्थियों की शिक्षा वर्ष के बेहद महत्वपूर्ण समय में बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
गंभीर सवाल उठते हैं —
1. जब मानसून समाप्त हो चुका है तो शिक्षकों को अक्टूबर में इन कैम्पों में जबरन क्यों भेजा जा रहा है?
2. जब कहीं बाढ़ नहीं है तो सरकार “बाढ़ राहत शिविर” क्यों चला रही है?
3. गरीब बच्चों की पढ़ाई को प्रशासनिक दिखावे के लिए क्यों कुर्बान किया जा रहा है?
यह भी ज्ञात हुआ है कि इन अनावश्यक कैम्पों को नवंबर तक बढ़ाया जा रहा है, जो यह साफ़ दर्शाता है कि सरकार राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) से मिले फंड को समायोजित करने की साज़िश कर रही है। असली राहत कार्यों पर खर्च करने के बजाय, आम आदमी पार्टी सरकार इन फंडों को केवल “कागज़ी बाढ़ गतिविधियों” के ज़रिए खर्च दिखा रही है।
यह केवल आर्थिक हेराफेरी ही नहीं बल्कि शैक्षणिक अन्याय भी है। पंजाब सरकार को तुरंत इस ढोंग को समाप्त करना चाहिए, सभी शिक्षकों को इन गैर-ज़रूरी कैम्प ड्यूटी से मुक्त कर स्कूलों में वापस भेजना चाहिए ताकि गरीब SC बच्चों की पढ़ाई बिना बाधा जारी रह सके।
भारतीय जनता पार्टी की माँगें:
1. सभी गैर-ज़रूरी बाढ़ राहत कैम्पों से शिक्षकों की तत्काल वापसी।
2. वर्ष 2024–25 के सभी SDRF खर्चों का स्वतंत्र ऑडिट।
3. आपदा प्रबंधन और शिक्षा के लिए केंद्र से मिले फंड के उपयोग पर “श्वेत पत्र” जारी किया जाए।
गरीबों की शिक्षा किसी वित्तीय हेरफेर का मैदान नहीं है। आम आदमी पार्टी सरकार को पंजाब की जनता को इसका जवाब देना होगा।
मैं मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान जी से आग्रह करता हूँ कि इस गंभीर विषय पर तुरंत कार्रवाई करें