हरियाणा :- बीते कई महीनों से कोरोना महामारी के चलते जहां स्कूल, कॉलेज बंद चल रहे हैं वहीं इस बीच अभिभावक बार-बार केंद्र और राज्य सरकारों से फ़ीस को लेकर गुहार लगा रहे हैं ताकि उनसे इस संकट के दौरान जो बच्चे स्कूल गए ही नहीं वह स्कूल फ़ीस दें तो आखिर किस बात की।
इसको लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने अभी तक छात्रों के अभिभावकों को बड़ी राहत देते हुए पिछली बार जो फैसला सुनाया था उसके बाद अभिभावक खुश थे, लेकिन आज पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने स्कूल फीस को लेकर चल रहे केस में स्कूल प्रबंधन को बड़ा झटका देंने का जो काम किया है उससे अभिभावकों में ख़ुशी की लहर व स्कूल प्रबंधकों में टेंशन बढ़ गई है।
फ़िलहाल इस सारे मामले में अदालत ने फ़ाइनल फैसला 12 नवम्बर को सुनाने की बात कही है। इससे पहले अदालत ने आदेश जारी किए हैं कि स्कूल ऑनलाई क्लास के अनुसार ही फीस ले सकते हैं। यह नहीं यह भी कहा गया है कि पहले ट्यूशन फीस कुल पीरीयडस के हिसाब से ली जाती थी, लेकिन अब ऑनलाईन क्साल के दौरान जितने पीरियड पढ़ाये जायेंगे उसके हिसाब से अब स्कूल फीस चार्ज कर सकेंगे।
यही नहीं अदालत ने यह भी साफ किया है कि इसके अलावा कोई भी स्कूल अन्य फीस नहीं ले सकता साथ ही यह भी कहा गया है कि स्कूलों को अपने सालाना खर्च व आमदनी का ब्योरा बैलेंस शीट के माध्यम से अदालत में जमा करवाना होगा। इसके लिए अदालत ने निजी स्कूलों को 12 नवम्बर का समय दिया है। इस आदेश के बाद निजी स्कूलों के पैरों तले जमीन खिसक गई है व इस फैसले को चुनौती देने की चर्चा चल रही है।