नई दिल्ली: 

पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर  का राग अलापने से बाज नहीं आ रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासभा  के सालाना अधिवेशन में इस बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान  ने वही हिमाकत की और जम्मू-कश्मीर  को केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने का उल्लेख किया. हालांकि भारत ने  संयुक्त राष्ट्र में जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के आऱोपों पर मुंहतोड़ जवाब दिया है. भारत ने कहा कि पूरी दुनिया जानती और यह मानती है कि पाकिस्तान आतंकियों को समर्थन और हथियार मुहैया कराता आया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी   भी संयुक्त राष्ट्र महासभाको संबोधित करने वाले हैं औऱ उनके संबोधन में भी पाकिस्तान को कड़ी नसीहत दी जा सकती है.

संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने कहा कि यह खेदजनक है कि यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान के नेता ने यूएन के अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग कर झूठे और दुष्प्रचार के लिए किया है, ताकि दुनिया का ध्यान उनके देश की खराब हालत से हटाया जा सके  जो पूरे विश्व में आतंकवादियों को ट्रेनिंग, फंडिंग औऱ हथियार देने के लिए जाना जाता है. आतंकवाद को समर्थन को उनके देश की प्रायोजित नीति है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित तमाम आतंकी  पाकिस्तान में पनाह पाते रहे हैं. इमरान खान ने तालिबान सरकार के लिए समर्थन मांगते हुए कहा, अस्थिर अफगानिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय आतंकियों का अड्डा बन जाएगा. लिहाजा वैश्विक समुदाय को युद्ध से बेहाल अफगानिस्तान को स्थिर औऱ मजबूत करने के लिए सहयोग करना चाहिए. खान ने आगाह किया कि अफगानिस्तान में मानवीय संकट मुंह बाए खड़ा है

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