जालंधर : पावरकॉम के डिप्टी चीफ इंजीनियर परमिंदर सिंह व अन्यों के खिलाफ पी.सी. एक्ट (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) की धारा 13(1)(ए), र/व 13(2) के तहत विजिलेंस ब्यूरो, मोहाली में एफ.आई.आर. नंबर 26 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसमें आई.पी.सी. की धारा 120 बी को भी जोड़ा गया है। पावरकॉम के चरणदीप संधू की शिकायत के बाद गत 13 सितम्बर को दर्ज हुई एफ.आई.आर. में और 15 व्यक्तियों (पावरकॉम के कर्मचारी) को भी नामजद किया गया है। यह मामला ठेकेदार को 4.78 करोड़ रुपए अधिक अदायगी से संबंधित है, जिसे लेकर विजिलेंस द्वारा कार्रवाई की जा रही है। एफ.आई.आर. में दर्ज व्यक्तियों में पावरकॉम के 2 अधिकारियों का देहांत भी हो चुका है।

इस मामले में विभाग द्वारा ठेकेदार को अदा किए गए 4.78 करोड़ रुपए की रिकवरी ठेकेदार से कर ली गई है व अधिक अदा की गई राशि संबंधी 1.62 करोड़ रुपए ब्याज भी प्राप्त कर लिया गया है। एफ.आई.आर. के मुताबिक पूर्व डिप्टी चीफ इंजीनियर परमिंदर सिंह के कार्यकाल 2010 के दौरान होशियारपुर सर्कल में पिल्लरों पर बिजली के मीटर लगवाने का काम किया गया। परमिन्द्र सिंह उस समय एडिशनल एस.ई.सी. थे व उनके पास डी.डी.ओ. ड्राइंग एंड डिस्बरसग अधिकारी के अधिकार भी थे। बिजली के मीटरों को पिल्लरों पर लगाने वाली फर्में मैसर्ज विद्या टैलीलिंकर्ज को इंजी. परमिन्द्र सिंह द्वारा अधिक पेमैंट करवाई गई।

कोर्ट में जे.ई. चरणदीप संधू द्वारा दायर की गई याचिका के बाद हुई इस कार्रवाई में विजिलेंस द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज करने से पहले पावरकॉम से पी.सी. एक्ट की धारा 17 (ए) के तहत मंजूरी ली गई। एफ.आई.आर. में लिखा है कि डी.डी.ओ. परविन्द्र सिंह की ड्यूटी बनती थी कि ठेकेदार को सही पेमैंट की जाए। पावरकॉम द्वारा की गई इंक्वायरी में साफ तौर पर लिखा है कि ठेकेदार के मेटेरियल सप्लाई से संबंधित प्रत्येक बिल के समान की सही स्थिति संबंधी सीनियर इंजीनियरों से तसदीक करवाई जाती तो सही स्थिति का पता चल जाना था व ठेकेदार अधिक राशि प्राप्त नहीं कर सकता था।

पर्चे के अनुसार वितरण हलका होशियारपुर के किसी भी अधिकारी द्वारा बचे हुए समान को संभालने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया, जिसके चलते ठेकेदार द्वारा इसे डिस्पोज ऑफ कर दिया गया। परविंदर सिंह (डिप्टी चीफ इंजी., सेवा मुक्त) सहित 15 अन्य अधिकारियों द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए 4.78 करोड़ रुपए की अधिक पेमैंट मैसर्ज विद्या टैलीलिंकर्ज लि. को करके वित्तीय लाभ पहुंचाया गया।

परमिंदर सिंह डिप्टी चीफ इंजी. (सेवा मुक्त) व उक्त पड़ताल रिपोर्ट अनुसार पी.एस.पी.सी.एल. के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों ने ऐसा करके जुर्म अ/ध 13(1)(ए) र/व 13 (2) पी.सी.एक्ट 1988 एज्ज एमैंडिड बॉय पी.सी. (अमेंडमेंट) एक्ट, 2018 व 120-बी (आई.पी.सी.) किया है। उक्त आरोपियों के खिलाफ उक्त धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, बताया जा रहा है कि परमिंदर सिंह द्वारा जिला सैशन कोर्ट मोहाली में जमानत याचिका लगाई गई है।

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