नई दिल्ली : दिल्ली की अदालत में बुधवार को उस समय अनूठा दृश्य पेश आया, जब पिंजरे में बंद करके 13 तोतों को पेश किया गया। आप सोच रहे होंगे कि क्या तोतों ने कोई अपराध कर दिया है। हालांकि हम बता दें कि ऐसा कुछ नहीं है।

वास्तव में तोतों को कोर्ट में एक उजबेक नागरिक की हरकत की वजह से आना पड़ा। रखमतजोनोव नाम के इस उजबेक को सीआईएसएफ ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय पकड़ा था, जब वह जूतों के डिब्बों में रखकर तोतों की अपने देश तस्करी की कोशिश कर रहा था।

उसके पास से कई डिब्बों में से ये सभी जीवित तोते बरामद किए गए। कानून के मुताबिक, किसी केस से संबंध रखने वाली संपत्ति को अदालत में पेश करना जरूरी है। इसलिए इन तोतों को कोर्ट में पेश करना पड़ा। बाद में अदालत के आदेश पर इन्हें देख-रेख के लिए ओखला बर्ड सेंचुरी के अधिकारियों को सौंप दिया गया।

कस्टम विभाग ने आरोपी उजबेक नागरिक के खिलाफ वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। इसके मुताबिक, भारत से तोतों का निर्यात प्रतिबंधित है। यानी उन्हें बाहर ले जाने पर रोक है।

आरोपी उजबेक नागरिक ने जमानत की गुहार लगाई, लेकिन कोर्ट ने उसे राहत देने से इनकार करते हुए 30 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

सीआईएसएफ की पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि ये तोते उसने पुरानी दिल्ली के एक विक्रेता से खरीदे थे। उसके देश में तोतों की भारी मांग है, इसलिए वह इन्हें तस्करी करने की कोशिश कर रहा था।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।