पी॰एफ॰ ऑफिस, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार, क्षेत्रीय कार्यालय जालंधर के रीजनल कमिश्नर सुनिल कुमार यादव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा समय-समय पर नियोक्ताओ के लिए  विभिन प्रकार की योजनाए लागू  की जाती है जैसे आत्म निर्भर रोजगार योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना आदि | इन योजनाओ तथा अन्य सुविधाओ आदि  की जानकारी पी.ऍफ़. ऑफिस द्वारा भी ईमेल और फ़ोन के माध्यम से नियोक्ताओ को दी जाती है परन्तु अक्सर देखने मे आता है कि कुछ नियोक्ता इन सरकारी योजनाओ का लाभ नहीं ले पाते क्योकि ऑनलाइन फॉर्म 5-ए मे संस्थान के नियोक्ता / प्रध्रिकृत अधिकारी का  ईमेल और मोबाइल नंबर नहीं होता है जिसके कारण उनको समय रहते  जानकारी ही नहीं मिलती |  इसके अतिरिक्त कोविड संबधित प्रतिबंधो  को ध्यान में रखते हुए कई जरुरी सूचनाए, स्पष्टीकरण अथवा दस्तावेज जैसे के.वाई.सी. पेंडिंग लिस्ट, शिकायत संबधित  मुद्दा, अंशदान संबधी चूक का स्पष्टीकरण, 7-ए / निरीक्षण संबंधी दस्तावेज भी ईमेल द्वारा मांगे जाते है परन्तु अनाधिकृत अथवा गलत ईमेल  / मोबाइल नंबर होने के कारण संस्थान को सूचना नहीं मिल पाती और संस्थान द्वारा अधिनियम और स्कीम के प्रावधानों की अवहेलना हो जाती है |

रीजनल कमिश्नर  सुनिल कुमार यादव ने बताया कि ई.पी.एफ. ने अपने सदस्यों के लिए, आधार नंबर पर आधारित कई ऑनलाइन सुविधाए शुरू की है। इन सुविधाओं की सहायता से क्लेम सेटलमेंट, सदस्य का डाटा अपडेट करना, सदस्य की पासबुक, ई-नामांकन इत्यादि सुविधाए ऑनलाइन उपलब्ध है |   ई-नामांकन सुविधा के तहत सदस्य स्वयं अपना नामांकन ऑनलाइन दाखिल कर सकते हैं ।

रीजनल कमिश्नर  सुनिल कुमार यादव ने बताया कि अपने कर्मचारीओ के.वाई.सी.की डिजटल सिगनेचर से पुष्टि करना एवम सदस्य का डाटा अपडेट करना नियोक्ता की वैधानिक जिम्मेदारी है | जिन सदस्यों के के.वाई.सी. डिजटल सिगनेचर  से सत्यापित है वे पी.ऍफ़. की सभी ऑनलाइन सेवाओ का लाभ प्राप्त कर सकते |

उन्होंने बताया कि जहा पी. एफ. ऑफिस  अपने सदस्यों को कुशल/त्वरित सेवाएँ प्रदान करने के लिए वचनबध हैं वही पर  डिजिटलीकरण के माध्यम से पी. ऍफ़. ऑफिस अपने सदस्यों को सूचना लाभों को प्रदान करने  हेतु भी अग्रसर है । रीजनल कमिश्नर  सुनिल कुमार यादव ने सभी नियोक्ताओ से अपील की है कि वे तुरंत ऑनलाइन फॉर्म 5-ए  मे  संस्थान  के प्रध्रिकृत अधिकारी का मोबाइल और ईमेल अपडेट / सही  करे और उसे डिजिटल सिग्नेचर से सत्यापित  करे ताकि उनको समय रहते जानकारी और लाभ मिलता रहे और अनभिज्ञता  के कारण कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध उपबंध अधिनियम, 1952 की कोई अवहेलना ना हो |

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