पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर विमेन, जालंधर के पंजाबी विभाग ने आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) के तत्वावधान में ‘पंजाबी आलोचना: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य’ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया।

इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के पंजाबी और डोगरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. नरेश कुमार मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।

सत्र के दौरान, डॉ. नरेश कुमार ने साहित्यिक आलोचना को परिभाषित किया और इसके ऐतिहासिक विकास पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने आलोचना के विभिन्न ऐतिहासिक चरणों पर विचार-विमर्श किया और छात्रों को साहित्यिक आलोचना में विभिन्न विचारधाराओं के सैद्धांतिक पहलुओं और प्रमुख तत्वों के बारे में बताया।

इसके अलावा, डॉ. कुमार ने 21वीं सदी के समकालीन आलोचकों और उनके उल्लेखनीय प्रकाशनों के बारे में बात की, जिससे छात्रों और शिक्षकों दोनों को आलोचनात्मक साहित्य को अधिक गहराई से जानने की प्रेरणा मिली।

वेबिनार में विभिन्न धाराओं के संकाय सदस्यों और छात्रों की उत्साही भागीदारी देखी गई।

अध्यक्ष श्री नरेश बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री विनोद दादा, प्रबंधन समिति के अन्य सम्मानित सदस्य और योग्य प्राचार्य प्रो. (डॉ.) पूजा पराशर ने वेबिनार के सफल आयोजन के लिए पंजाबी विभाग के प्रयासों की सराहना की।

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