पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर वूमेन, जालंधर की एनसीसी इकाई ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में पराक्रम दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया। कैप्टन प्रिया महाजन के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य कैडेटों में देशभक्ति और साहस की भावना पैदा करना था।
जालंधर वेलफेयर सोसायटी के सचिव श्री सुरिंदर सैनी इस दिन के अतिथि थे। श्री सुरिंदर सैनी ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया एवं आज़ाद हिंद फौज़ रेडियो के भी इंचार्ज रहे है। कार्यक्रम की शुरुआत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भावभीनी श्रद्धांजलि के साथ हुई, प्रिंसिपल प्रोफेसर (डॉ.) पूजा पराशर और श्री सुरिंदर सैनी ने महान नेता को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद, प्रिंसिपल द्वारा श्री सैनी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उत्सव का मुख्य आकर्षण कैडेटों द्वारा एक भावपूर्ण देशभक्ति गीत प्रदर्शन था, जिसने नेताजी की वीरतापूर्ण विरासत को श्रद्धांजलि अर्पित की और दर्शकों के बीच देशभक्ति का उत्साह जगाया।
छात्रों को संबोधित करते हुए, श्री सुरिंदर सैनी ने देशभक्ति के महत्व और नेताजी द्वारा अनुकरणीय साहस और निस्वार्थ सेवा के मूल्यों पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने और अटूट समर्पण के साथ देश की प्रगति में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।
उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आस-पास के क्षेत्रों में एनसीसी कैडेटों द्वारा आयोजित एक साइकिल रैली थी। इस रैली का उद्देश्य जनता और छात्रों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्शों के बारे में जागरूक करना और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है। तख्तियां लेकर और देशभक्ति के नारे लगाते हुए कैडेटों ने स्थानीय समुदाय को राष्ट्रीय नायकों के बलिदान का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया।
अध्यक्ष श्री नरेश बुधिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री विनोद दादा, प्रबंध समिति के अन्य सम्मानित सदस्यों और प्राचार्य प्रो. (डॉ.) पूजा पराशर ने ऐसे सार्थक आयोजन के लिए एनसीसी इकाई के प्रयासों की सराहना की। प्राचार्य ने राष्ट्रीय नायकों के बलिदान को याद करने के महत्व पर जोर दिया और छात्रों को राष्ट्र के प्रति समर्पण और सेवा के मूल्यों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों के बीच जिम्मेदारी और राष्ट्रीय गौरव की भावना को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।
इस उत्सव में उपस्थित लोगों में देशभक्ति की एक नई भावना और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के वीरतापूर्ण योगदान की प्रशंसा हुई।