जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में गुरुवारीय सामुहिक निःशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान गुरलाल लाहोरिया से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ के उपरांत आए हुए मां भक्तों को भजनों और प्रवचनों से निहाल करते हुए भगवान की पूजा-पाठ के बारे में ब्याख्यान करते है कि अधिकांश लोग पूजा-पाठ जब करते हैं तो वे अपने इष्ट से सांसारिक मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं। बहुत से लोग अपने इष्टदेव से अनुबंध भी करते हैं कि उनकी कामनाएं जैसे ही पूरी होंगी तो वे कुछ भेंट चढ़ाएंगे। संयोगवश कार्य पूर्ण होने पर विशेष धार्मिक अनुष्ठान आदि करते दिखाई भी पड़ते हैं। तमाम धर्मगुरु इस तरह का आश्वासन भी देते हैं कि जप-तप से उनकी मनोकामनाएं त्वरित गति से पूरी हो जाएंगी, जबकि यह कोई आवश्यक नहीं कि इष्टदेव की पूजा-पाठ से सांसारिक उपलब्धियां मिल जाएंगी।
‘पूजा’ का अर्थ है पवित्रता का जन्म। पूजा यदि मन में पवित्र भावों को जन्म देने के लिए की जाए तो वह उचित है, क्योंकि पवित्र भावों से मन पवित्र होता है, जो आगे चलकर जीवन को बेहतर बनाता है। मन सकारात्मक होकर जब अच्छे कार्यो में लग जाए तब स्वत: जीवन में अनुकूलता आने लगती है। इसी सकारात्मक सोच की तलाश का रास्ता है पूजा-पाठ। पूजा-पाठ से दिनचर्या नियमित होती है, तमाम तरह के निषेधों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है, एकाग्रता बढ़ती है, समूह में जीने की आदत उत्पन्न होती है। ये रास्ते इतने महत्वपूर्ण हैं कि इनसे जो परिचित हो गया, वह जो भी काम करेगा, सफल होगा।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि पूजा-पाठ में प्रयुक्त होने वाले पदार्थ भी शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होते हैं। सभी धर्मावलंबी पूजा-कार्य में पुष्प-चंदन आदि पदार्थ अपने इष्टदेव को चढ़ाते हैं। इनके जो प्राकृतिक एवं औषधीय गुण हैं, वे उपासक को जरूर मिलते हैं।
जिस व्यक्ति में सकारात्मक आत्मबल और दृढ़ता है, वह नादानी नहीं कर सकता। इसलिए पूजा-पाठ, प्रार्थना को वाह्य संसार में कुछ पाने की जगह आंतरिक संसार से वह सद्गुण पाने के लिए करना चाहिए, जो किसी भी धर्म का मूल है। कोई भी व्यक्ति धार्मिक कार्यों से वाह्य जगत की उपलब्धि का रास्ता बताए तो उससे तत्काल दूरी बनाना ही लाभप्रद होता है।

इस अवसर पर श्वेता भारद्वाज,समीर कपूर, सरोज बाला, विक्की अग्रवाल, अमरेंद्र कुमार शर्मा, अमृतपाल, प्रदीप , दिनेश सेठ,सौरभ भाटिया,विवेक अग्रवाल, जानू थापर,दिनेश चौधरी,नरेश,कोमल,वेद प्रकाश, मुनीष मैहरा, जगदीश डोगरा, ऋषभ कालिया,रिंकू सैनी, कमलजीत,बावा खन्ना, धर्मपालसिंह, अमरजीत सिंह, उदय ,अजीत कुमार , नरेंद्र ,रोहित भाटिया,बावा जोशी,राकेश शर्मा, अमरेंद्र सिंह, विनोद खन्ना, नवीन , प्रदीप, सुधीर, सुमीत ,जोगिंदर सिंह, मनीष शर्मा, डॉ गुप्ता,सुक्खा अमनदीप , अवतार सैनी, परमजीत सिंह, दानिश, रितु, कुमार,गौरी केतन शर्मा,सौरभ ,शंकर, संदीप,रिंकू,प्रदीप वर्मा, गोरव गोयल, मनी ,नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू,संजीव शर्मा, रोहित भाटिया,मुकेश, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा, ऐडवोकेट शर्मा,वरुण, नितिश,रोमी, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, मोहित , विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश, नवीन कुमार,निर्मल,अनिल,सागर,दीपक,दसोंधा सिंह, प्रिंस कुमार, दीपक कुमार, नरेंद्र, सौरभ,दीपक कुमार, नरेश,दिक्षित, अनिल, कमल नैयर, अजय,बलदेव सिंह भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।

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