जालंधर : पूज्य संत बाबा दिलावर सिंह जी (ब्रह्म जी) के दिव्य आशीर्वाद, संत बाबा मनमोहन सिंह जी (कुलपति, एसबीबीएसयू) के अनुग्रहपूर्ण अनुमोदन, प्रो. (डॉ.) धर्मजीत सिंह परमार (योग्य कुलपति, एसबीबीएसयू) के कुशल मार्गदर्शन और डॉ. विकास शर्मा (रजिस्ट्रार, एसबीबीएसयू) और प्रो. (डॉ.) विजय धीर (डीन अकादमिक, एसबीबीएसयू) के अमूल्य सहयोग से यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ (यूआईएल) ने 7 मई 2025 को द्वितीय अंतर-विभागीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक आयोजन किया। बी.ए. के सभी सेमेस्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाली कुल आठ टीमें। एलएल.बी. इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतियोगिता का शुभारम्भ यूआईएल की डीन डॉ. पूजा बाली के प्रेरणादायक उद्घाटन भाषण से हुआ, जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मूट कोर्ट अभ्यास केवल अकादमिक नहीं हैं – वे कानूनी कौशल को विकसित करने, वकालत कौशल को निखारने और अदालती शिष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं। ऐसे मंच छात्रों को अपने शोध और वक्तृत्व कौशल को निखारने में सक्षम बनाते हैं, जिससे वे भविष्य में सक्षम और आत्मविश्वासी कानूनी पेशेवर बन पाते हैं। यह कार्यक्रम चार समर्पित अदालत कक्षों में आयोजित किया गया तथा इसे दो कठोर दौरों में विभाजित किया गया। प्रत्येक टीम ने सराहनीय तैयारी और उत्साहपूर्ण तर्क-वितर्क का प्रदर्शन करते हुए असाधारण प्रदर्शन किया। प्रारंभिक दौर के बाद, चार टीमें अंतिम दौर के लिए अर्हता प्राप्त कर लीं।
कानूनी तर्क और दलील के गहन प्रदर्शन के बाद, टीम कोड एफ, जिसमें विपुल, दीपक और परवीन शामिल थे, प्रथम स्थान प्राप्त कर विजेता बनी। विपुल को सर्वश्रेष्ठ मूटर चुना गया, जबकि सिमरजीत कौर को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता चुना गया। संपूर्ण कार्यक्रम का समन्वयन यूआईएल के सहायक प्रोफेसर श्री गिरिजा नंद और श्री रिशव डोगरा ने किया, जिनके प्रयासों से प्रतियोगिता का सुचारू और सफल संचालन सुनिश्चित हुआ। यह कार्यक्रम विधि के क्षेत्र में अकादमिक उत्कृष्टता और पेशेवर तैयारी को बढ़ावा देने के लिए यूआईएल की प्रतिबद्धता में एक और मील का पत्थर है

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