रांची: झारखंड सरकार राज्य के दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए पूर्वी भारत का पहला विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना बना रही है। राज्य के उच्च एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा मंत्री चंपई सोरेन ने बीते बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि प्रस्तावित विश्वविद्यालय दिव्यांग विद्यार्थियों की आवश्यकता के अनुसार शिक्षा मुहैया कराएगा। उन्होंने अधिकारियों को रांची में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके चंपई सोरेन ने अधिकारियों के साथ बैठक कर अपने विभाग में हो रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए वहां विशेष पाठ्यक्रम और शैक्षणिक उपकरण उपलब्ध होंगे। उन्हें उनकी जरूरत के अनुकूल शिक्षा दी जाएगी।”
बयान के मुताबिक विभाग ने ‘नवोत्थान छात्रवृत्ति योजना’ का भी प्रस्ताव किया है, जिसके तहत सरकार प्रतिभाशाली अनाथ एवं दिव्यांग विद्यार्थियों की पूरी फीस (अधिकतम 10 लाख रुपये तक) देगी। इसके अलावा योजना के तहत विद्यार्थियों को आवास एवं भोजन के लिए 48 हजार रुपये सालाना की सहायता दी जाएगी। विज्ञप्ति के मुताबिक बैठक में गिरिडीह, साहेबगंज, देवघर, खूंटी, गुमला और जमशेदपुर में नये विश्वविद्यालय स्थापित करने पर विस्तृत चर्चा की गई।