बंगाल : पश्चिम बंगाल में भाजपा में सेंध लगाने के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस बार कांग्रेस को जोरदार झटका दिया है। दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी सोमवार को ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। इस पर उनकी छोटी बहन और कांग्रेस की नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने साेशल मीडिया पर लिखा- ये दुखद है। हालांकि उन्होंने अपने ट्विट में किसी बात का जिक्र नहीं किया है।अभिजीत कोलकाता स्थित तृणमूल भवन में शाम 4 बजे पार्टी में शामिल हुए। इस दौरान लोकसभा में तृणमूल संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय और वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी उपस्थित थे। अभिजीत साल 2012 और 2014 में कांग्रेस के टिकट पर बंगाल के जंगीपुर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। हालांकि 2019 में वो इसी सीट से चुनाव हार गए थे। इसके बाद वे पार्टी से लगभग साइडलाइन चल रहे थे।TMC में शामिल होने के बाद अभिजीत मुखर्जी ने कहा, “ममता बनर्जी ने जिस तरह भाजपा की सांप्रदायिक लहर को रोका, मुझे विश्वास है कि भविष्य में वह दूसरों के सहयोग से पूरे देश में ऐसा ही कर पाएंगी।’ बता दें कि पिछले महीने ही TMC ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे मुकुल रॉय की पार्टी में वापसी करवाई थी। यह भाजपा के लिए बंगाल में बहुत बड़ा झटका था।बंगाल विधानसभा में भी वे लेफ्ट के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं थे। वे चाहते थे कि ममता बनर्जी के साथ गठबंधन कर कांग्रेस चुनाव मैदान में उतरे। हालांकि उन्होंने इसे व्यक्तिगत विचार बताया था। चुनाव परिणाम आने के बाद अभिजीत ने यह भी कहा था कि अच्छा होता कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ती, कम से कम वोट प्रतिशत तो ठीक रहता। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और उनके निर्णयों का भी विरोध किया था।पिछले महीने अभिजीत मुखर्जी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे और TMC के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात भी की थी। इसके बाद अटकले लगने लगीं कि कांग्रेस में सकबुछ ठीक नहीं चल रहा है। बताया यह भी जा रहा है कि TMC अभिजीत मुखर्जी को जंगीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़वा सकती है। इस सीट पर उपचुनाव होना है।हाल ही में अभिजीत बनर्जी ने फर्जी वैक्सीन कांड में भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन किया था। अभिजीत ने ट्विटर पर लिखा था, ’किसी व्यक्ति विशेष की गलत हरकत के लिए पश्चिम बंगाल और ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है। अगर ऐसा ही है, तो फिर मेहुल चौकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या से जुड़े मामलों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।’
Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।