कन्या महा विद्यालय (स्वायत्त) ने एआईसीटीई ट्रेनिंग और लर्निंग अकादमी के सहयोग से, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्सः फोस्टरींग रिसर्च एंड एंटरप्रेन्योरशिप विषय पर एक सप्ताह का फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया है। यह कार्यक्रम शिक्षकों को अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरण प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। एफडीपी के दूसरे दिन के सत्र में मुंजाल बीसीयू सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप, लुधियाना के स्टार्टअप्स और इनोवेशन निदेशक शिबानंद दाश मुख्य वक्ता रहे। उनके व्याख्यान का विषय “बौद्धिक संपदा का व्यावसायीकरण” था। उन्होंने समझाया कि बौद्धिक संपदा का व्यावसायीकरण नवाचार को बाजार में लाने की प्रक्रिया है, जिससे आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलता है और उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलता है। एफडीपी के तीसरे दिन का तकनीकी सत्र डॉ. कपिल आर्य, प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर आईपीयू, नई दिल्ली, के स्वागत के साथ शुरू हुआ। उन्होंने ‘आईपीआर अवलोकन – पेटेंट के मूल तत्व’ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकारों की आवश्यकता को रेखांकित किया, ताकि उल्लंघन को रोका जा सके, अनावश्यक निवेश को कम किया जा सके, नवाचार सूचकांक को सुधारा जा सके और आविष्कारकों को आर्थिक लाभ मिल सके। उन्होंने औद्योगिक डिज़ाइन, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, भौगोलिक संकेत और पेटेंट से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन जानकारी दी। चौथे दिन के पहले तकनीकी सत्र में प्रो. (डॉ.) गिरीश सपरा, प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, ग्रीन ब्रिगेड प्राइवेट लिमिटेड, जालंधर, ने ‘रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देना’ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने भारत, विशेष रूप से पंजाब में स्टार्टअप को वित्तीय सहायता देने वाली विभिन्न एजेंसियों की जानकारी साझा की। उन्होंने उत्पाद और प्रक्रिया विकास में रचनात्मकता और नवाचार के मूल सिद्धांतों पर चर्चा की, जो 21वीं सदी का एक महत्वपूर्ण कौशल है। इसके अलावा, उन्होंने डिजाइन थिंकिंग की मूल बातें और विभिन्न टूल्स के बारे में बताया, जो विचारों को सफल स्टार्टअप में बदलने में सहायक होते हैं। यह सत्र इंटरएक्टिव, व्यावहारिक प्रशिक्षण और वास्तविक अनुभवों का एक समन्वय था, जिसे प्रतिभागियों ने खूब सराहा। दूसरे तकनीकी सत्र में एडवोकेट गोविंद प्रीत सिंह, जो एक सीरियल एंटरप्रेन्योर हैं, ने ‘स्टार्टअप के मूल्य सृजन में आईपी की भूमिका और आईपी व्यावसायीकरण’ पर व्याख्यान दिया। उन्होंने पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और जीआई टैग के महत्व को ब्रांडिंग और व्यावसायीकरण में उदाहरणों सहित समझाया। उन्होंने यह भी बताया कि स्टार्टअप्स नवाचार और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनकी सफलता का मूल आधार उन उत्पादों, सेवाओं या समाधानों में होता है, जो ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। प्रिंसिपल प्रो. अतीमा शर्मा द्विवेदी ने पूरे आयोजन समिति की सराहना करते हुए सफलतापूर्वक एफडीपी के आयोजन के लिए बधाई दी।

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