नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वह कल दीपावली के पर्व पर सीमा पर अपने सैनिकों के साथ थे और आज उन सैनिकों की भूमि पर हूं। मोदी ने आज केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना के बाद आदिगुरु शंकराचार्य की मूर्ति और समाधि का अनावरण तथा ढांचागत परियोजनाओं के लोकार्पण के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा , ‘‘ मैंने त्योहारों की खुशियां देश के वीर जवानों के साथ बांटी है। मैं 130 करोड़ देशवासियों का प्रेम और आशीर्वाद लेकर सेना के जवानों के बीच गया था और उनकी ही भूमि पर आया हूं।” केदारनाथ त्रासदी को याद कर मोदी भावुक हो गए। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जय बाबा केदार’ के जयकारों के साथ अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि यह भारत की संस्कृति की व्यापकता का आलौकिक दृश्य है। मोदी कहा सभी का नाम लूंगा तो एक हफ्ता लग जाएगा। मैं यहां जब भी आता हूं कण-कण से जुड़ जाता हूं।

” उन्होंने कहा , ‘‘ आज आप सभी आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम, अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी वरिष्ठ ऋषि, मनीषी एवं अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा , ‘‘ बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी कि ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। श्री मोदी ने कहा कि इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं

उन्होंने कहा कि शंकर का संस्कृत में अर्थ है- ‘‘शं करोति स: शंकर:” यानी, जो कल्याण करे, वही शंकर है। इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित कर दिया। उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम,अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी वरिष्ठ ऋषि, मनीषी और अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। आदि शंकराचार्य जी ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया है। श्री मोदी ने कहा कि सरस्वती तट पर घाटों का निर्माण भी हो चुका है और मंदाकिनी पर बने पुल से गरुड़चट्टी के मार्ग को भी सुगम कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि इसी तरह उत्तर प्रदेश में काशी का भी कायाकल्प हो रहा है। वहीं विश्वनाथ धाम का कार्य त्वरित गति से पूर्णता की ओर है।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।