प्रयागराज :महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान चल रहा है। करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आज महाकुंभ और शहर में होने का अनुमान है। त्रिवेणी संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक पवित्र स्नान चलेगा। इस मौके पर पूरे प्रयागराज शहर में 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं, लेकिन सभी इंतजामों और सुरक्षा के बावजूद महाकुंभ में भगदड़ मच गई।

श्रद्धालुओं में धक्का मुक्की और चीख पुकार मची। 15 से ज्यादा श्रद्धालुओं के मारे जाने की खबर फैली हुई है, लेकिन अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 50 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। भगदड़ मचने के बाद जो तस्वीरें सामने आईं, वे दिल दहला देने वाली हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक हालातों पर नजर बनाए हुए हैं

. आज मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का तीसरा पवित्र स्नान है। इससे पहले 2 पवित्र स्नान 13 और 14 जनवरी को हो चुके हैं। आज स्नान के लिए प्रयागराज में आस्था का सैलाब उमड़ा। करीब 5 करोड़ लोगों के स्नान करने का अनुमान है। बताया जा रहा है कि मंगलवार रात को ही इतनी भीड़ थी कि लोगों को जहां जगह मिली, वहां वे सो गए। त्रिवेणी घाट पर भी यही हालत थे। श्रद्धालु दिन निकलते ही स्नान करने के लिए बेताब थे, इसलिए सब घाट किनारे पनाह लिए हुए थे।

. मंगलवार-बुधवार की रात करीब 2 बचे अचानक त्रिवेणी घाट पर शोर मच गया। श्रद्धालु उठकर इधर उधर भागने लगे। धक्का मुक्की और चीख पुकार मच गई। लोग एक दूसरे के पैरों तले कुचले गए। शोर मचता देख पुलिस और NSG कमांडो पर मौके पर पहुंचे और जगह को खाली कराया। इसके बाद हादसास्थल को चारों ओर से सील करके घायल लोगों को संभाला गया। खून से लथपथ लोग पड़े थे और उनका सामान बिखरा हुआ था। लोगों का सांस लेने में दिक्कत थी।

महाकुंभ मेला कि OSD अकांक्षा राणा मौके पर पहुंचीं। उन्होंने मीडिया को बताया है कि संगम नोज पर भीड़ के कारण बैरियर टूटने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हुई। भगदड़ मचने से महिलाएं गिर गईं और लोगों ने उन्हें कुचल दिया। एंबुलेंस में घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है। संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया है। संगम नोज में लोगों की एंट्री बंद है। भीड़ और ज्यादा न बढ़े, इसलिए प्रयागराज शहर में भी श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी गई।

. दूसरी ओर, सभी 13 अखाड़े सुबह 5 बजे से पवित्र स्नान करने की तैयारी कर रहे थे। अखाड़ों के नाग साधु और संत शोभायात्रा निकालते हुए त्रिवेणी घाट पर पहुंचने की तैयारी में थे कि उन्हें भगदड़ मचने की खबर मिल गई। हालातों का जायजा लेने के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आज मौनी अमावस्या पर स्नान रद्द कर दिया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने स्पष्ट किया कि संगम नोज पर अधिक भीड़ के कारण स्नान रद्द करने का फैसला किया है। महाकुंभ में मची भगदड़ की खबर पूरे देश में आग की तरह फैल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की। भगदड़ के बाद के हालातों का जायजा लिया। पूरे घटनाक्रम के बारे में जाना। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री योगीसे बात की और कहा कि किसी तरह की कोताही न बरती जाए। केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद की जाएगी। घायलों को उचित उपचार मिलना चाहिए और स्नान के पर्याप्त इंतजाम करें।

. भगदड़ मचने के बाद जो तस्वीरें सामने आईं, उन्होंने दिल दहला दिया। श्रद्धालुओं के कपड़े, बैग, जूते-चप्पल बिखरे पड़े थे। अस्पतालों की तस्वीरें और ज्यादा भयानक है। फर्श पर इधर उधर घायल दर्द के मारे तड़प रहे हैं। भगदड़ मचने के बाद भीड़ के कारण एंबुलेंस भी भीड़ में फंसी नजर आईं। घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में समय लग गया, इसलिए पुलिस प्रशासन ने एक कॉरिडोर बनाकर एंबुलेंस को अस्पतालों तक पहुंचाया। करीब 50 एंबुलेंस हादसास्थल पर पहुंची।

महाकुंभ में स्नान के लिए उमड़ी भीड़ को देखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स तैनात कर दी गई है। जहां भी भीड़ दिख रही है, वहां से लोगों को हटाया जा रहा है। पूरे प्रयागराज में चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवान तैनात हैं। शहर की सीमा के बाहर लोगों को रोकने के आदेश हैं। बाहर से प्रयागराज आ रहे लोगों को समय के अंतराल पर महाकुंभ तक आने दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की है कि वे पुलिस को सहयोग करें और एहतियात बरतते हुए महाकुंभ पहुंचें।

महाकुंभ में मची भगदड़ पर साधु-संतों और नेताओं का रिएक्शन भी सामने आया। हर कोई घटनाक्रम पर अपने तरीके से रिएक्ट कर रहा है। निरंजनी अखाड़ा के संतों और महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी ने हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहा है कि प्रशासनिक स्तर पर अव्यवस्था के कारण हादसा हुआ है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि करोड़ों लोगों की भीड़ को संभालना आसान नहीं है। प्रशासन की इस घटनाक्रम में कोई गलती नहीं है।

. बाबा रामदेव से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक सभी महामंडलेश्वरों और साधु संतों से लोगों से खास अपील की। उन्होंने लोगों से कहा कि वे त्रिवेणी घाट पर ही स्नान करने की जिद न करें। गंगा, यमुना सभी नदियां पवित्र हैं। जहां गंगा दिखे, वहां स्नान करें। मौनी अमावस्या का महत्व है। इसलिए लोग स्नान पर फोकस करें, कहां करना है, इस पर नहीं। महाकुंभ में काफी भीड़ है और सुरक्षा भी मायने रखती है। इसलिए पुलिस को सहयोग करते हुए धैर्य और संतुलन बनाए रखें।

महाकुंभ में भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर इमरजेंसी बैठक बुलाई। इसमें पुलिस और शासन के बड़े अफसर शामिल हुए। योगी आदित्यनाथ ने बैठक में प्रयागराज के साथ बनारस और अयोध्या में भी भीड़ नियंत्रित करने के लिए चर्चा की। साधु संत 15 फरवरी के बाद महाकुंभ आने की अपील लोगों से कर रहे हैं। अयोध्या राम मंदिर के अधिकारी पहले ही लोगों से अपील कर चुके हैं कि वे महाकुंभ में स्नान के बाद सीधे घर जाएं, रामलला के दर्शन महाकुंभ के बाद आकर करें।

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