लंदन : पूरे यूरोप में इस समय जमकर गर्मी पड़ रही है। जून के आखिरी हफ्ते में औसत तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच चुका है। फ्रांस के कारपेन्ट्रास में शुक्रवार को रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया। वहां पारा 45.1 डिग्री सेल्सियस हो गया। इसके पहले दक्षिण में मॉन्टपेल्लियर में अगस्त 2003 में 44.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था।
दरअसल, यूरोप 25 डिग्री से 45 डिग्री अक्षांश के बीच बसा हुआ है। इसे टेम्परेट जोन (कम तापमान वाला) कहा जाता है। 40 डिग्री से ज्यादा तापमान यहां के लोगों के लिए झुलसाने वाला है। इससे पहले फ्रांस के मौसम विभाग ने कहा कि तापमान अभी और भी ऊपर चढ़ सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरोप में बढ़ते तापमान की वजह अफ्रीका की ओर से आ रही गर्म हवाएं हैं। बीते दिनों बर्लिन में 36 डिग्री, वियना में 35 डिग्री, वारसॉ (पोलैंड) में 34 डिग्री और पेरिस में 30 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
फ्रांस सरकार की तरफ से लोगों को हिदायत दी जा रही है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि मैंने पूरी सरकार को गर्मी दूर करने के उपायों में लगा दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक- देशभर की दुकानों से पंखे और एयर कंडीशंड बिक चुके हैं। शिक्षा मंत्रालय ने मिडिल स्कूल की परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। वहीं, फ्रांस में चल रहे महिला फुटबॉल वर्ल्ड कप को देखते हुए 32 डिग्री से ज्यादा तापमान होने पर वॉटर ब्रेक करने की बात कही गई है।
स्पेन की राजधानी मैड्रिड समेत कई शहरों में पारा 40 डिग्री पार कर गया है। ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में तापमान 36 डिग्री है। सड़कों को ठंडा रखने के लिए सरकार कई इलाकों में फव्वारे चलवा रही है। कई स्वीमिंग पूल खोले गए हैं, जहां जाने के लिए कोई पैसे नहीं लिए जा रहे। वियना जू में जानवरों को फ्रूट आइस्क्रीम दी जा रही है ताकि उन्हें गर्मी से थोड़ी राहत मिले।
जर्मनी के मौसम विभाग ने कहा है कि इस हफ्ते जर्मनी का तापमान 39 डिग्री सेल्सियस के पार हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो 70 साल का रिकॉर्ड टूट सकता है। गर्मी के चलते लोग सड़कों पर शर्ट-टीशर्ट उतारकर घूम रहे हैं। पुलिस के मुताबिक- हमने बिना टीशर्ट पहने एक व्यक्ति को रोका तो उसने कहा कि इतनी गर्मी में ऐसे घूमने के अलावा कोई चारा नहीं है। हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में 36 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ रिकॉर्ड टूटा है।
स्विट्जरलैंड सरकार ने भी कई इलाकों में चौथे स्तर की हीट वॉर्निंग जारी की है। इस स्तर की चेतावनी को सबसे बड़े स्तर का अलर्ट माना जाता है। जेनेवा में 75 साल ज्यादा उम्र के लोगों को 13 हजार ब्रोशर बांटे गए ताकि वे गर्मी में खुद को कैसे सुरक्षित रखें। पोलैंड में ड्राइवरों को गर्मी के चलते सड़कों पर आई दरारों को लेकर आगाह किया गया है।
एम्सटर्डम स्थित व्राइजे यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट फॉर एन्वायरमेंटल स्टडीज के शोधकर्ता डिम कोमो के मुताबिक- आने वाले दिनों में यूरोप में और ज्यादा गर्मी पड़ेगी। फ्रांस की नेशनल वेदर एजेंसी के मुताबिक- बीते 34 साल में देश में लू दोगुनी तेज हुई है। 2050 तक यह चौगुनी हो जाएगी।