नई दिल्ली : दिल्ली सहित देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों की बढ़ती संख्या के बीच सर्जिकल और ऐंटी-पलूशन मास्क की कालाबाजारी चरम पर पहुंच गई है। राजधानी के थोक और रिटेल बाजारों में हाई-क्वॉलिटी N-95 मास्क ढूंढने से नहीं मिल रहे। इसकी शिकायतों पर बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार इसकी जांच कराएगी।
बुधवार को दिल्ली और नोएडा में कई रिटेल स्टोर्स पर पूछताछ में पता चला कि 50 रुपये की रेंज में बिकने वाले साधारण नायलॉन मास्क की कीमत 100 रुपये तक जा पहुंची है, जबकि अच्छी क्वॉलिटी के N-95 मास्क उपलब्ध नहीं हैं। N-95 के दावे के साथ बेचे जा रहे सब-स्टैंडर्ड मास्क भी 250 से 300 रुपये की रेंज में हैं। कई स्टोर्स पर N-95 मास्क की कीमत 500 रुपये तक बताई गई। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि सरकार इसकी जांच कराएगी और मास्क की जमाखोरी या कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
कोरोना पर अलर्ट बढ़ने के साथ ही दवा की दुकानों और बाजारों में मास्क की डिमांड बढ़ गई है। मेडिसिन और सर्जिकल उत्पादों के थोक बाजार भगीरथ पैलेस में भी बुधवार को N-95 मास्क की किल्लत बताई गई। हालांकि बाजार सूत्रों का कहना है कि सप्लाई इतनी ज्यादा भी तंग नहीं हुई, लेकिन कई डीलर आगे डिमांड और बढ़ने की आशंका में माल नहीं निकाल रहे। जनवरी के आखिर से ही चीन ने भारत से बड़े पैमाने पर मास्क मंगाना शुरू कर दिया था और सरकार को 1 फरवरी से मास्क के निर्यात पर बैन लगाना पड़ा था। कारोबारियों का कहना है कि ज्यादातर N-95 मास्क चीन से ही आते हैं और अब भी बाजार में चाइनीज स्टॉक पड़ा है, लेकिन लोग चाइनीज मास्क लगाने से भी कतराने लगे हैं और इसकी डिमांड काफी कम हो गई है।