जालंधर : प्रीत नगर सोढल रोड स्थित दवा की मशहूर दुकान नंदा मेडिकोज भी इसी अपराध में फंसती नजर आ रही है। शुक्रवार शाम को संतोखपुरा वासी गंगा ने जोनल ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी करुण सचदेवा को कॉल कर शिकायत दी कि सोढल रोड स्थित नंदा मेडिकोज में अबॉर्शन करने वाली मटीपी किट बिना पर्ची के ही बेची जा रही है। सचदेवा ने इलाके के ड्रग इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह को मौके पर भेजा। अमरजीत सिंह अभी मौके पर मिली एमटीपी किट और बाकी जानकारियों की रिपोर्ट बना रहे थे (खबर लिखे जाने तक)। हालांकि उन्हें शुरूआती जांच में जो सबूत मिले हैं वह आरोपों की पुष्टि कर रहे हैं। ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत अबॉर्शन किट को बिना डॉक्टर की पर्ची और बिना ड्रग लाइसेंस के बेचा भी नहीं जा सकता लेने आए एक ग्राहक ने कहा कि हम 40 साल से दवा ले रहे हैं। डॉ. नंदा बहुत अच्छे आदमी हैं।मुकुल सेठी ने कहा कि दुकानदार को जानबूझकर फंसाया जा रहा है। यह गलत काम करने वाले नहीं हैं।मौके पर जब ड्रग डिपार्टमेंट की रेड की जानकारी मार्केट में फैली तो मार्केट के दुकानदार और वहां दवा लेने आए मरीजों ने दुकान को घेर लिया। लोग बोले हम यहां से 40 साल से दवा ले रहे हैं और कभी भी ऐसी कोई शिकायत डॉ. नंदा की नहीं आई है। उन्हें फंसाया जा रहा है। एक व्यक्ति ने कहा कि यह एक ट्रैप (जाल) है। जिस महिला ने शिकायत की है उसने ही यह किट यहां छोड़ी है। दुकादार ने किट नहीं बेची। लोग यह भी पूछ रहे थे कि अब अचानक शिकायतकर्ता मौके से क्यों भाग गई है। लोगों की अच्छी खासी भीड़ दुकान के बाहर जमी रही।नंदा मेडिकोज के पार्टनर अजय नंदा और उदित नंदा ने बताया कि हम कोई नशा नहीं बेचते जैसा कि हम पर आरोप लग रहा है। हम मानते हैं कि हमारा फार्मासिस्ट इस वक्त मौके पर नहीं है। एमटीपी किट पर उन्होंने कुछ नहीं कहानंदा मेडिकोज में दवा बेचने का लाइसेंस रतन सिंह नाम के एक फार्मासिस्ट को जारी हुआ है। अब सवाल उठ रहा है कि रतन सिंह कहां है? जानकारों के मुताबिक अब दुकानदार और फार्मासिस्ट को नोटिस जारी होगा और उनसे इन आरोपों की सफाई मांगी जाएगी साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा कि उनका लाइसेंस सस्पेंड क्यों न कर दिया जाए।के पर शिकायतकर्ता गंगा ने बताया कि जब वह यहां दवा लेने आई तो एक लड़की अबॉर्शन किट खरीद रही थी। मैने उससे पूछा कि तुम यह क्या खरीद रही हो तो वह घबरा गई। मुझे दाल में कुछ काला लगा और मैने करुण सचदेवा को कॉल कर शिकायत कर दी। बिना डॉक्टर की पर्ची से ऐसी दवाइयां नहीं बिक सकतीं। अभी ड्रग इंस्पेक्टर मौके पर स्पॉट मीमो (रिपोर्ट) बना ही रहे थे कि उन्होंने गंगा को आवाज लगाई कि बात सुनिए। मगर गंगा मौके से तुरंत निकल गईं। गंगा का कहना था कि वह भारतीय मूल निवासी मुक्ति मोर्चा की महिला प्रधान है और संतोखपुरा में रहती है। गंगा के साथ सलोनी नाम की एक अन्य महिला भी थी जिसका कहना था कि यह गलत हो रहा है।
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