नई दिल्ली : पुणे के एक प्रभावशाली उद्योगपति ने इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विस लिमिटेड (IL&FS) से 52 करोड़ रुपए का लोन लिया और फिर उस लोन को कई फर्मों का चक्रव्यूह रचाकर अपनी दूसरी कंपनी का लोन IL&FS को ही चुकाने में इस्तेमाल किया। ग्रांट थोर्टन के फोरेंसिक ऑडिट में इस बात का खुलासा हुआ है। वहीं वह उद्योगपति सारंग काले हैं।

रिकॉर्ड के अनुसार, 7 जनवरी, 2017 को आईएल एंड एफएस ग्रुप की एक कंपनी आईएल एंड एफएस ट्रांसपोर्टेशन एंड नेटवर्क लिमिटेड (ITNL) ने राजस्थान लैंड होल्डिंग लिमिटेड को 52 करोड़ रुपए का लोन दिया। गौरतलब है कि जिस कंपनी को लोन दिया गया उस कंपनी ने कोई रेवेन्यू जेनरेट नहीं किया था। रिकॉर्ड से पता चला है कि राजस्थान लैंड होल्डिंग लिमिटेड रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कंपनी ऑफ राजस्थान लिमिटेड (RIDCOR) की सब्सिडरी कंपनी है।

उसी दिन के रिकॉर्ड से पता चला है कि राजस्थान लैंड होल्डिंग ने 52 करोड़ का शॉर्ट टर्म लोन Kaleidoscope Developers Ltd (KDPL) को दिया था। यह कंपनी भी सारंग काले की ही है। इसके बाद KDPL ने51.98 करोड़ रुपए का लोन ओशीनफ्रंट इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड (OIPL) को दिया। ये भी सारंग काले की ही कंपनी है और इसका भी रेवेन्यू वित्तीय वर्ष 2015 से लेकर 2019 के बीच जीरो ही रहा है। उसी दिन OIPL ने इस पैसे से IL&FS की कंपनी ITNL का लोन चुकाया।

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