जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर मे मां बगलामुखी जी के निमित्त सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान राकेश प्रभाकर से सपरिवार वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन, नवग्रह पूजन उपरांत हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित प्रभु भक्तों को गोस्वामी तुलसीदास जी चौपाई का गुणगान करते है कि ‘‘बिनु सत्संग विवेक न होई, राम कृपा बिनु सुलभ न सोई’’
नवजीत भारद्वाज जी श्रीराम की महिमा का उल्लेख करते हुए इस चौपाई का अर्थ समझाते हुए कहते है कि सत्संग के बिना ज्ञान जागृत नहीं होता और भगवान की कृपा के बिना सत्संग सुनना भी संभव नहीं है। इसका स्पष्ट अर्थ यह है कि बिना अच्छी संगति और ईश्वर के प्रति भक्ति भाव रखे बिना कभी भी विवेक हासिल नहीं हो सकता और जिस व्यक्ति का विवेक जागृत नहीं है उसे कभी ईश्वर नहीं मिल पाता,जब तक वह ईश्वर के सानिध्य में नहीं जाएगा तब तक उसका विवेक जागृत नहीं होगा।
नवजीत भारद्वाज जी ने मां भक्तों को प्रभु भक्ति का रसपान करवाते हुए कहते है कि सत्संग तो अनमोल है अगर स्वर्ग तथा उसके भी ऊपर जो लोक है उनके सुखों को तराजू के एक तरफ रख दिया जाए और दूसरी तरफ एक घड़ी का सत्संग का सुख रखा जाए तो दूसरे पलड़े का भार बहुत अधिक होगा।
नवजीत भारद्वाज जी ने सत्संग की महिमा का वर्णन और तुलसीदास दास की चौपाई के साथ प्रवचनों पर विराम लगाते हुए कहते है कि *‘‘एक घड़ी आधी घड़ी आधी में पुनि आधी, तुलसी संगत साधु की हरे कोटि अपराध’’।* अर्थात अगर हम संतो के संगति में एक घडी, आधी घड़ी या फिर उसकी आधी घड़ी भी बैठते हैं तो हमसे होने वाले करोड़ों पापो का हरण होता है।
इस अवसर पर नवरत्न हांडा, बलजिंदर सिंह, कपूर, अमरेंद्र कुमार शर्मा,रिंकू सैनी, रोहित भाटिया,अवतार सैनी,गौरी केतन शर्मा,सौरभ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा,वरुण,विवेक शर्मा, नितिश, भोला शर्मा,जानू थापर,अमित शर्मा, हंसराज, दीपक कुमार,रवि भल्ला,गुरनाम सिंह, मनीष महरा, भोला शर्मा, जगदीश,गौरव जोशी,अजीत कुमार, सरोज बाला, राहुल लुथरा, उदय सिंह, प्रशांत,सुभाष डोगरा,मधुर,गुरुमुख सिंह, ऋषभ कालिया, प्रिंस कुमार,कमल नैयर सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।