पटना : बिहार चुनाव के पहले चरण से पहले महागठबंधन के भीतर एक नया विवाद गहराने लगा है. आज राजधानी पटना के मौर्या होटल में होने वाली महागठबंधन की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले जो तस्वीर सामने आई उसने राजनीतिक हलचल मचा दी है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के स्थल पर लगे पोस्टर में केवल राजद नेता तेजस्वी यादव की तस्वीर लगी है, जबकि राहुल गांधी, मुकेश सहनी, दीपांकर भट्टाचार्य और अन्य सहयोगी दलों के नेता नदारद हैं. इसने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या तेजस्वी यादव अब बिहार में राहुल गांधी के नेतृत्व को नकार रहे हैं
प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन आगामी  विहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन की रणनीति और उम्मीदवारों के तालमेल को साझा करने के लिए किया गया है. लेकिन कार्यक्रम स्थल पर लगे बैनर और होर्डिंग्स में केवल तेजस्वी यादव की तस्वीर देखकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. एनडीए ने इसे महागठबंधन की अंदरूनी कलह  करार दिया है, जबकि कांग्रेस खेमे चुप्पी साधी हुई है  परन्तु साथ ही घुटन  साफ-साफ देखी जा रही है.

जेडीयू प्रवक्ता मनीष यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इस पर तीखा हमला बोला है.मनीष यादव ने कहा- महागठबंधन की एकता केवल दिखावे की है. जब साझा कार्यक्रम में भी राहुल गांधी की तस्वीर गायब है तो समझिए भीतर ही भीतर दरार कितनी गहरी है. वहीं दिलीप जायसवाल ने कहा- जिस तरह से राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव को दिल्ली बुलाकर उनसे मुलाकात नहीं की थी, उसी तर्ज पर पलटवार करते हुए तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी के नेतृत्व को बिहार में नकार दिया है. अब यह साफ है कि राजद, कांग्रेस को सिर्फ वोट बटोरने के औजार के तौर पर देख रही है.
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