नई दिल्ली : इन्फोसिस में छंटनी की खबर है। कंपनी जेएल6 (इंटरनल जॉब कोड) लेवल के 2200 इग्जेक्युटिव्स को हटाएगी। ये सभी मध्य और उच्च स्तर पर काम करने वाले इग्जेक्युटिव्स हैं। कंपनी में जेएल 6, 7 और 8 बैंड में 30,092 लोग काम करते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक जेएल 1 से 5 लेवल तक के भी 2-5 फीसदी कर्मचारियों को हटाने का प्लान बना रही है। यह संख्या 4 से 10 हजार के बीच होगी। इन्फोसिस में एसोसिएट्स बैंड के तहत 86,558 कर्मचारी काम करते हैं, जबकि मिड्ल बैंड में 1.1 लाख लोग हैं।
एवीपी, वीपी, एसवीपी और ईवीपी लेवल के 2-5 प्रतिशत अधिकारी भी हटाए जाएंगे। इस लेवल पर 971 अधिकारी काम करते हैं। इनमें से 50 तक की छुट्टी की जा सकती है।
कंपनी का कहना है कि यह बड़े पैमाने पर की जाने वाली छंटनी नहीं, बल्कि सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। पर कुछ जानकार मानते हैं कि इन्फोसिस में ऐसा किए जाने का इतिहास नहीं रहा है। वहां खराब प्रदर्शन के आधार पर लोग जरूर निकाले जाते रहे हैं, लेकिन इस बार यह आधार नहीं है और निकाले जाने वालों की संख्या भी सामान्य से ज्यादा है।
एक लाख लोग गंवाएंगे रोजी: खस्ताहाल बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) के बकाये के चलते एक लाख लोगों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। यह बकाया 20 हजार करोड़ रुपए का है। बीएसएनएल अपने दम पर इसे चुकाने की हालत में नहीं है और सरकार इस दिशा में उदासीन बनी हुई है। यह बकाया बीएसएनएल को सपोर्ट सर्विस या सामान मुहैया कराने वाली छोटी-बड़ी कंपनियों का है।
इन कंपनियों से दो लाख लोगों का रोजगार जुड़ा है। बकाया नहीं मिलने की सूरत में कंपनियां कामगार कम करने पर विवश हैं। आशंका है कि हर दो में से एक आदमी की रोजी जाएगी। पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में दूरसंचार समिति के अध्यक्ष संदीप अग्रवाल के हवाले से इकोनॉमिक टाइम्स ने बताया है कि अगले कुछ हफ्तों में देसी कंपनियों में काम करने वाले एक लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
अग्रवाल के मुताबिक 20 हजार करोड़ रुपए का बकाया नरेंद्र मोदी सरकार में ऊंचे ओहदेदारों के दखल दिए जाने के बावजूद भुगतान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कंपनियां उन कर्मचारियों को ढोने के मूड में नहीं हैं, जिनके बिना उनका काम चल सकता है।
बता दें कि बीते हफ्ते आईटी क्षेत्र की एक और दिग्गज कंपनी Cognizant Technology Solution Corporation ने कंटेंट मॉडरेशन कारोबार समेटने का ऐलान किया है। कंपनी के इस फैसले से 6000 लोग बेरोजगार होने वाले हैं। कंपनी इनके अलावा भी 7000 लोगों की छुट्टी करने पर विचार कर रही है।