जालन्धर,  : बौरी मेमोरियल
ट्रस्ट के सहयोग से इनोसैंट हाट्र्स ग्रुप के
स्कूल ऑफ मैडीकल लैब्स साईंस ने ‘दिशा एक
अभियानÓ के तहत दृष्टिबाधित और अंधेपन के
बारे में छात्रों को जागरूक करने के
उद्देश्य से ‘विश्व दृष्टि दिवसÓ मनाया। इस वैश्विक
जागरूकता दिवस पर डाक्टर रोहन बौरी
(एम.बी.बी.एस., एम.एस. ऑपथैल्मोलॉजी)
एफ.आर.आर.एस. फैलो इन फेको-रिफ्रैक्टिव)
ने छात्रों को रिफ्रैक्टिव त्रुटियों
मोतियाबिंद, मुधमेह, रेटिनोपैथी और उम्र से
संबंधित मैकुलर डीजनरेशन जैसी आंखों की आम
समस्याओं से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि
मुधमेह व उच्च रक्तचाप से पीडि़त लोगों को
दृष्टिबाधित होने से बचाने के लिए हर ६ महीने
में अपनी आंखों की जांच अवश्य करानी चाहिए।
डा. रोहन ने ड्राई आइस की समस्या पर भी
•ाोर दिया, जो डिजिटाइजेशन के कारण
हर आयु वर्ग में बहुत आम है। उन्होंने सभी
को सलाह दी कि २० के फार्मूले का पालन करें
अर्थात् आंखों को स्वस्थ रखने के लिए हर २० मिनट
के बाद २० बार आंखें झपकाएं।

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