नई दिल्ली : आधुनिक युग में बेहिसाब ऊर्जा और खतरनाक हथियारों से लैस होने के लिए दुनिया के हर देश में न्यूक्लियर पावर बनने की होड़ मची हुई है। तकरीबन हर देश चोरी-छिपे खुद को न्यूक्लियर पावर बनाने में जुटा हुआ है। इसी के साथ दुनिया के सामने परमाणु खतरे भी तेजी से बढ़ रहे हैं। खतरा केवल परमाणु हमला से ही नहीं है, बल्कि गुपचुप तरीके से तमाम देशों में चल रहे न्यूक्लियर प्लांट में हादसों से भी है। चूंकि कार्यक्रम बहुत गोपनीय होता है, इसलिए इस तरह के हादसों और उनकी गुंजाइशों को हमेशा छिपाया दिया जाता है।

ऐसे में यूके (यूनाइटेड किंगडम) के न्यूक्लियर प्लांट में इतिहास के सबसे बड़े परमाणु खतरे की खबर ने दुनिया भर को चौंका दिया है। बताया जा रहा है कि यूके के परमाणु संयंत्र में अगर हादसा हुआ तो वह चेरनोबिल परमाणु संयंत्र हादसे और हिरोशिमा परमाणु हमले से भी कहीं ज्यादा बड़ा और घातक होगा। जानकारों का मानना है कि यूके के न्यूक्लियर प्लांट में इतिहास का सबसे बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है। इसे पश्चिमी यूरोप की सबसे खतरनाक औद्योगिक इमारत करार दिया गया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो वर्षों में लंदन स्थित इस न्यूक्लियर प्लांट में एक-दो नहीं, बल्कि 25 बड़ी गड़बड़ियां पायी गईं हैं, जो सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकती थीं। इन खतरों में संयंत्र में पानी की पाइप लाइन से लीक होने वाला रेडियशन (विकरण), परमाणु कचरे वाले कंटेनर को पूरी तरह से बंद नहीं करना, यूरेनियम पाउडर गिरा हुआ मिलना व एक फटे हुए पाइप से एसिड का रिसाव शामिल है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये बस कुछ गड़बड़ियां हैं, जो सामने आयी हैं। इस प्लांट में पायी गयीं गड़बड़ियों की फेहरिस्त बहुत लंबी है।प्लांट के रिकॉर्ड बताते हैं कि अक्टूबर 2017 में एक गंभीर रसायन की वजह से यहां हालात बेकाबू हो गए थे, जिसके बाद बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया था। इसके एक महीने बाद पता चला था कि प्लांट का एक कर्मचारी निम्न स्तर के विकिरण (रेडियेशन) का शिकार हुआ था। इसके बाद इस वर्ष की शुरूआत में जब एक हाई वोल्टेज बिजली का तार क्षतिग्रस्त होने से संयंत्र में बिजली चली गई थी। इसके बाद न्यूक्लियर रेगुलेशन ऑफिस को वहां से स्थानांतरित कर दिया गया था। इसकी वजह ऑफिस में सुधारकार्यों को बतायी गई थी।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार Cumbria परिसर में 140 टन प्लूटोनियम का भंडार है। इसके अलावा यहां यूके के क्रियाशील परमाणु रिएक्टरों का कचरा भी आता है, जो बहुत ज्यादा रेडियोधर्मी  होता है। इसी वजह से इस परिसर को यूरोप में सबसे खतरनाक जगह घोषित कर दिया गया है। इस वजह से इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल का, क्योंकि संयंत्र में कोई बड़ी दुर्घटना हुई तो वहां मौजूद कर्मचारियों के बाद आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग ही उसका सबसे पहला शिकार बनेंगे।

वहीं मामले में संयंत्र के प्रवक्ता का कहना है कि पिछले दो वर्षों में यहां कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। हम पारदर्शिता को लेकर प्रतिबद्ध हैं और छोटी से छोटी गड़बड़ी की विस्तृत जांच करते हैं। पारदर्शिता के लिए हम उस जांच रिपोर्ट को अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड करते हैं।

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