घर से कई किलोमीटर दूर तैनाती होने से परेशान चल रहे नगर परिषद के पूर्व जेई राजीव कुमार शर्मा ने राजपुरा-पटियाला रोड पर स्थित भाखड़ा नहर में कूदकर आत्महत्या कर ली।मामले की सूचना मिलते ही गंडाखेड़ी पुलिस थाने के अधिकारियों ने अस्पताल के शवगृह में शव रखवाकर आगामी जांच शुरू कर दी है।मामले की पुष्टि गंडाखेड़ी पुलिस थाना प्रभारी कृपाल सिंह ने की है। जेई राजीव शर्मा की मौत की खबर पर नगर परिषद प्रधान उदयवीर सिंह ढिल्लों ने दुख जताया। वहीं उनके साथ काम कर चुके अधिकारियों ने इसे न पूरा होने वाला घाटा बताया। जानकारी के मुताबिक गुरुवार सुबह 10 बजे जेई राजीव शर्मा राजपुरा नगर परिषद पहुंचे।वहां अधिकारियों के साथ विकास कार्यों को लेकर बैठक की। इसके बाद सन्नौर नगर परिषद के लिए अपनी गाड़ी से रवाना हो गए लेकिन रास्ते में पड़ते गांव गंडाखेड़ी से निकलने वाली भाखड़ा नहर के पास जेई राजीव ने कार खड़ी करके करीब 12 बजे नहर में कूद पड़े। इस दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें कूदते देखकर पुलिस को सूचना दी।सूचना पाकर गंडाखेड़ी थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से जेई राजीव को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने उन्हें जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। दूसरी ओर, पुलिस को जेई राजीव शर्मा की कार से सरकारी दस्तावेज व मोबाइल मिला। इसकी मदद से परिजनों को घटना की सूचना दी।
सूत्रों के अनुसार निकाय विभाग में जेई राजीव कुमार शर्मा का आलाधिकारियों ने हमेशा शोषण किया। सिविल विभाग से जुड़े कार्यों की अच्छी जानकारी होने के बावजूद उन्हें योग्यता के अनुसार काम देने के बजाय हमेशा दूसरे विभागों में लगाकर नजरअंदाज किया जाता रहा। एक समय ऐसा भी था, जब जीरकपुर नगर परिषद में रहते हुए उन्हें सिविल कार्यों के बजाय सैनिटेशन विभाग में लगाकर उनकी योग्यता के साथ खिलवाड़ किया गया।जानकारी के मुताबिक जेई राजीव शर्मा की तैनाती बनूड़ और जीरकपुर नगर परिषद में थी। ये दोनों कार्यालय उनके घर से 10 से 20 किलोमीटर में थे लेकिन पिछले महीने जेई राजीव शर्मा का तबादला राजपुरा व सन्नौर की नगर परिषद में कर दिया गया, जो उनके घर से ज्यादा दूर था। इस दूरी को तय करने में घंटों का सफर तय करना पड़ता था।उन्होंने अपने घर के पास तैनाती करवाने के लिए विभाग के आलाधिकारियों के पास कई बार आवेदन दिए लेकिन उनकी मजबूरी को आलाधिकारियों ने नजरअंदाज किया। काम के अधिक दबाव और घर से दूर तैनाती होने के चलते जेई राजीव शर्मा कुछ महीने से मानसिक बीमारी का शिकार हो गए। इसका इलाज भी अलग-अलग अस्पतालों से चल रहा था।