केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को कहा कि भारत के लगभग 4.40 लाख या 75 प्रतिशत गांवों ने खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ)-प्लस का दर्जा हासिल कर लिया है। ‘ओडीएफ-प्लस’ गांव ऐसा गांव होता है जिसने ठोस या तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को लागू करने के साथ-साथ अपनी खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बरकरार रखा है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अब तक 4.43 लाख से अधिक गांवों ने खुद को ओडीएफ प्लस घोषित कर दिया है, जो 2024-25 तक स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के दूसरे चरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी गांवों ने ओडीएफ प्लस का दर्जा हासिल कर लिया है, जिनमें से चार को ‘ओडीएफ प्लस मॉडल’ घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शीर्ष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा नगर हवेली, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, पुड्डुचेरी, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना और त्रिपुरा शामिल हैं। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 100 प्रतिशत गांव ओडीएफ प्लस हैं। इनमें से अंडमान और निकोबार, दादरा नगर हवेली और दमन दीव, जम्मू- कश्मीर तथा सिक्किम ने ‘ओडीएफ प्लस मॉडल’ का दर्जा हासिल कर लिया है।

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