
दिल्ली: दुनिया के कई देशों की तरह भारत में भी कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। फिलहाल देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 1000 के पार जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान 24 मरीज ठीक भी हुए हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने लोगों को सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। ऐसी स्थिति में लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोरोना वैक्सीन और बूस्टर डोज का असर अभी भी शरीर में है और ये कब तक रहेगादेश में कोरोना के सबसे ज्यादा केस केरल में पाए गए हैं जबकि महाराष्ट्र में 209 मामले और दिल्ली में अभी तक 104 एक्टिव केस पाए गए हैं। ये मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।देश में अभी जो कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं उनमें कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब-वेरिएंट शामिल हैं। इनमें JN.1 और LF.7 प्रमुख हैं जिसमें ज्यादातर मामले JN.1 के हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि लोग घबराएं नहीं (पैनिक न हों) क्योंकि ये सब-वेरिएंट इतने खतरनाक नहीं हैं। साथ ही उन्होंने अफवाहों से बचने और अपनी सुरक्षा बनाए रखने के लिए सावधानियां बरतने की सलाह दी हैविशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वैक्सीन जीवनभर वायरस से इम्यूनिटी का दावा नहीं करती है। कुछ सालों में इसका असर कम होने लगता है। शरीर में बनी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को दोबारा मजबूत करने के लिए बूस्टर डोज लगवाना बहुत जरूरी है जिससे आपका शरीर कोरोना से लड़ने के लिए तैयार रहे और आपको बीमारी के खिलाफ बेहतर सुरक्षा मिल सके