फगवाड़ा 10 जून (शिव कौड़ा) जालंधर विकास अथारिटी की तरफ से फगवाड़ा के भुल्लाराई क्षेत्र में न्यू अर्बन एस्टेट प्रोजैक्ट के अन्तर्गत दो सौ एकड़ जमीन का अधिकरण करने की योजना का विरोध करते हुए भुल्लाराई के सरपंच रजत भनोट राजू ने कहा कि भुल्लाराई की उक्त जमीन बेहद उपजाऊ भूमि है, जिस पर गांव वासियों की आजीविका निर्भर है। ग्रामीण क्षेत्रों का इस तरह से शहरीकरण होना जहां पंजाब की खेती को तबाह करेगा वहीं पर्यावरण के लिहाज से भी यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब की पहचान ही यहां के गांवों से है। मुख्यमंत्री पंजाब सरदार भगवंत सिंह मान खुद कहते हैं कि पंजाब गांवों में बसता है और यदि पंजाब भर में इस तरह ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय कालोनियां आबाद कर शहरीकरण होगा तो पंजाबी संस्कृति पर भी बहुत प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में यदि पुरातन सभ्याचार का दर्शन करना हो तो गांवो में ही संभव है। यही नहीं बल्कि पंजाब कृषि प्रधान प्रदेश भी है, जहां पर लोगों की आजीविका मुख्यत: कृषि पर निर्भर है। यदि खेत न रहे तो खेती कहां होगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को भुल्लाराई के दो सौ खेतों के अधिकरण सहित अपनी इस योजना को लेकर पुनर्विचार करना चाहिये। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भुल्लाराई की पंचायत और गांववासी न्यू अर्बन एस्टेट योजना से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं क्योंकि यह योजना गांव की शुद्ध हवा और स्वच्छ वातावरण के लिये घातक सिद्ध होगी

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