ऊना. हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 9 से 17 अगस्त तक प्रदेश के विभिन्न धार्मिक स्थलों में आयोजित होने वाले श्रावण नवरात्र मेले में भाग लेने वालों के लिए कोविड-19 की आरटी-पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया है. हालांकि, वैक्सीनेशन के दोनों डोज़ ले चुके लोगों के लिए नेगेटिव रिपोर्ट से छूट रहेगी, लेकिन उन्हें अपनी वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट लेकर आना जरूरी होगा. प्रदेश के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़ रहे कोविड-19 के लगातार मामलों के चलते प्रदेश सरकार ने एहतियातन यह फैसला लिया है. डीसी ऊना राघव शर्मा ने भी एसओपी जारी करते हुए जिला ऊना के बॉर्डर पर एक बार फिर एनफोर्समेंट करने का खाका तैयार कर लिया है.
इसके तहत जिला प्रशासन 8 अगस्त की मध्य रात्रि से ही पंजाब से सटी जिला ऊना की सीमाओं पर कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीनेशन के सर्टिफिकेट चेक करने के लिए कर्मचारियों की तैनाती कर देगा.डीसी राघव शर्मा ने बताया कि अभी सरकार के यह आदेश केवल मंदिरों में मेलों के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के लिए लागू किया गया है. उन्होंने विभिन्न मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपनी 72 घंटे भीतर की कोविड-19 आरटी-पीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट या फिर वैक्सीनेशन के दोनों खुराकों के सर्टिफिकेट साथ लेकर आएं. डीसी ऊना ने बताया कि आदेशों की पालना करवाने के लिए पंजाब से जिला ऊना को आने वाले सभी एंट्री पॉइंट्स पर कर्मियों की तैनाती कर दी जाएगी. बता दें कि ऊना में चिंतपूर्णी मंदिर के अलावा पंजाब से कांगड़ा के प्रमुख शक्तिपीठों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. ऐसे में तीसरी लहर से बचने के लिए अभी से प्रयास करने होंगे.
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