जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में सामुहिक निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान नवदीप से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई। गुप्त नवरात्र के प्रथम दिन पर दस महाविद्या की विशेष पूजा अर्चना। सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित मां भक्तों को संत कबीरदास जी के दोहों से निहाल करते हुए कहते है कि
*मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।*
*मन ही मिलावत राम से, मन ही करत फजित ।*
*यह तो गति है अटपटी, झटपट लखहिं न कोय।*
*जब मन की खटपट मिटहिं, तो चटपट दर्शन होय।।*
मनुष्य का मन ही बंधन और मोक्ष का कारण है। मन यदि विषयों में आसक्त है, तो वह बंधन का कारण होता है और यही मन यदि भगवान में आसक्त हो जाए तो मोक्ष का कारण भी बन जाता है।
नवजीत भारद्वाज जी ने धार्मिक प्रसंग से मन के बारे में मां भक्तों को पूर्ण रूप से समझाया कि श्रीमद्भागवत में भगवान कपिल एवं माता देवहुति संवाद में भगवान कपिल ने कहा कि भगवान मनुष्य का शरीर या घर नहीं देखते बल्कि हृदय देखते हैं। हृदय विशाल हो तो भगवान को आना ही पड़ता है माता । मन ही मनुष्य की सारी क्रियाओं का कारण है । मन के सुधरने से सब कुछ सुधरता है, मन के बिगडऩे से सब कुछ बिगड़ जाता है। एक तरह से कहें तो हमारा मन बड़ा ही कपटी है। ये सारा मेरा और तेरा का खेल इस मन का ही रचाया हुआ है। सचमुच मन ही बंधन और मोक्ष दोनों का कारण है।
मन का स्वभाव अधोगामी अर्थात् यों कहें कि पानी की तरह सदैव नीचे की ओर ही जाना पसन्द करता है। जैसे लाखों खर्च करके कितने भी अच्छे प्रकार के मोटर से आप पानी को हजारों मीटर की ऊँचाई पर चढ़ा दो, लेकिन मौका मिलते ही यह तत्काल नीचे की ओर प्रवाहित होना शुरू हो जाता है, ठीक उसी तरह हमारा मन है, यह हमेशा बुराई की तरफ ही जाना चाहता है।
हमें पाप करने के लिए किसी से कोई प्रेरणा नहीं लेनी पड़ती है, बल्कि मनुष्य स्वत: ही पापकर्म करता है। परन्तु पुण्य करने के लिए न जाने कितने ही शास्त्र और संत लगे हैं प्रेरणा देने में फिर भी लोग सुनते ही नहीं । मनुष्य का मन पानी की तरह गड्ढे की ओर ही बहता है। जल की भांति मन का स्वभाव भी ऊपर नहीं, बल्कि नीचे की तरफ जाने का है। मनुष्य को हर समय यह समय प्रयत्न करना चाहिए कि अपना चरित्र अपना आचरण कैसे ऊपर चढ़ायें। हमें सदैव प्रयत्न करते रहना है, कि इस मन को पानी की तरह ही ऊपर कैसे चढ़ायें? उसे परमात्मा के चरणों तक कैसे ले जायें?
जैसे की उस मोटर के संग में आने से पानी हजारों फीट ऊपर चढ़ाया जा सकता है। उसी प्रकार सत्संग के माध्यम से हम अपने कुटिल मन को भी ऊपर चढ़ा सकते हैं। अपने मन को सत्पुरुषों का संग दो, फिर देखो क्या परिवर्तन होता है। महापुरुषों का संग जितना अधिक जीवन में बढ़ेगा तो स्वत: ही अधोगामी मन भी उध्र्वगामी बन जायेगा।

इस अवसर पर मनी राम, सरोज बाला, समीर कपूर, विक्की अग्रवाल, अमरेंद्र कुमार शर्मा, अमृतपाल, प्रदीप , दिनेश सेठ,सौरभ भाटिया,विवेक अग्रवाल, जानू थापर,दिनेश चौधरी,नरेश,कोमल,वेद प्रकाश, मुनीष मैहरा, जगदीश डोगरा, ऋषभ कालिया,रिंकू सैनी, कमलजीत,बावा खन्ना, धर्मपालसिंह, अमरजीत सिंह, उदय ,अजीत कुमार , नरेंद्र ,रोहित भाटिया,बावा जोशी,राकेश शर्मा, अमरेंद्र सिंह, विनोद खन्ना, नवीन , प्रदीप, सुधीर, सुमीत ,जोगिंदर सिंह, मनीष शर्मा, डॉ गुप्ता,सुक्खा अमनदीप,परमजीत सिंह, दानिश, रितु, कुमार,गौरी केतन शर्मा,सौरभ ,शंकर, संदीप,रिंकू,प्रदीप वर्मा, गोरव गोयल, मनी ,नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू, गुलशन शर्मा,संजीव शर्मा, रोहित भाटिया,मुकेश, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा, ऐडवोकेट शर्मा,वरुण, नितिश,रोमी, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, मोहित , विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश, नवीन कुमार, निर्मल,अनिल,सागर,दीपक,दसोंधा सिंह, प्रिंस कुमार, दीपक कुमार, नरेंद्र, सौरभ,दीपक कुमार, नरेश,दिक्षित, अनिल, कमल नैयर, अजय सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।