पत्नी और बच्चों की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

पंजाब में बरनाला के कालेके गांव में एक महिला ने अपने दो बच्चों सहित जहर खा लिया। महिला और उसकी 5 वर्षीय बेटी ज्योति की गांव में ही मौत हो गई जबकि 8 वर्षीय बेटे सुखमनप्रीत सिंह को गंभीर हालत में धनौला के सरकारी अस्पताल से पटियाला के राजिंद्रा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रैफर कर दिया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। मंगलवार को सुखमनप्रीत की बॉडी पटियाला से बरनाला लाई गई। बरनाला सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करने के बाद शाम तक तीनों का संस्कार उनके गांव में कर दिया जाएगा।35-36 साल की वीरपाल कौर अपने पति के साथ कालेके गांव में रह रही थी। वीरपाल का परिवार बेहद गरीब था और उसका पति मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का गुजर-बसर कर रहा था। वीरपाल कौर के 2 बेटे और एक बेटी थी। उसके सबसे बड़े बेटे आकाशदीप की 3 महीने पहले कालेके गांव के ही रजवाहे में डूबने से मौत हो गई थी। उसके बाद से ही वीरपाल कौर की मानसिक हालत ठीक नहीं रहती थी।25 अक्टूबर को वीरपाल कौर का पति बगल के गांव में मजदूरी करने के लिए गया हुआ था। घर पर वीरपाल कौर, उसका बेटा सुखमनप्रीत और बेटी ज्योति ही मौजूद थे। देर शाम को वीरपाल कौर ने पहले अपने दोनों बच्चों को जहर दिया और फिर खुद खा लिया। परिवार में कोई नहीं होने की वजह से तीनों घर में ही पड़े रहे। घटना का पता तब चला जब वीरपाल कौर का पति मजदूरी करके लौटा। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से वह तीनों को धनौला के सरकारी अस्पताल में ले गया जहां डॉक्टरों ने वीरपाल कौर और उसकी 5 साल की बेटी ज्योति को मृत घोषित कर दिया। 8 साल के सुखमनप्रीत सिंह की गंभीर हालत को देखते हुए उसे पटियाला रैफर कर दिया गया जहां उसने भी दम तोड़ दिया।एक ही परिवार के तीन लोगों के सुसाइड करने की घटना से कालेके गांव का हर आदमी हैरान रह गया। मंगलवार को सुखमनप्रीत की बॉडी पटियाला से वापस बरनाला सिविल अस्पताल लाई गई। यहां पोस्टमार्टम के बाद वीरपाल कौर, ज्योति और सुखमनप्रीत की बॉडी उसके परिवार को सौंप दी जाएगी। देर शाम तक उनका गांव में संस्कार कर दिए जाने की उम्मीद है।

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