चिंतपूर्णी : उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी में सावन मेले के सप्तम दिन शनिवार देर रात से हो रही बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिखाई दी।श्रद्धालु भारी बारिश में भी लाइनों में मां के दर्शनों को माता के जयकारे लगाते हुए चलते रहे। बारिश में मां की पावन पिंडी के दर्शन करने का उत्साह देखते ही बनता था। बारिश पर श्रद्धालुओं के भजन और जयकारे भारी पड़े तो दूसरी तरफ बारिश ने मंदिर प्रशासन के श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं देने के दावे खोखले साबित हुए। भीड़ के चलते कई श्रद्धालु तो बिना दर्शन किए ही मंदिर की पहली सीढ़ी पर माथा टेककर वापस अपने घरों को चले गए। शनिवार रात और रविवार को भरवाई से चिंतपूर्णी तक तिल धरने के लिए भी जगह नहीं थी। यहां तक कि हजारों की संख्या में श्रद्धालु बारिश से बचने के लिए बाबा माईदास सदन में घुस गए। बाबा माईदास सदन में इतनी ज्यादा संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए कि पूरे सदन की व्यवस्थाएं चरमरा गईं।शौचालय सहित अन्य स्थानों पर गंदगी का आलम रहा।ऐसा ही भरवाई से चिंतपूर्णी तक मंदिर मार्ग पर दृश्य था, जिससे आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। मंदिर रोड पूरी तरह भर चुका था और बारिश भी रुकने का नाम नहीं ले रही थी। श्रद्धालु घंटों लाइनों में खड़े रहकर दर्शनों के लिए जा रहे थे। चिंतपूर्णी में सावन अष्टमी मेले में जिस तरह से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है, उसकी अपेक्षा यहां पर जगह की कमी देखने को मिली। यदि अव्यवस्था का अनुमान लगाया जाए तो ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन चाहे जितने भी पुलिस कर्मचारी व गृहरक्षक तैनात करे, जब तक जगह की कमी रहेगी, तब तक यहां अव्यवस्था फैलनी संभव है।
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