जालंधर :- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मा पिंड चौक जालंधर में श्री शनिदेव महाराज जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणों द्वारा मुख्य यजमान नितिश त्रेहन से सपरिवार पंचोपचार पूजन,षोढषोपचार पूजन, नवग्रह पूजन उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
हवन-यज्ञ के उपरांत सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज प्रभु भक्तों को संत कबीर दास जी के दोहे *माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर, कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर॥* अर्थात् समाझाते है कि वो उस माला की बात नहीं कर रहें हैं जो हाथ में फेरी जाती है, माला से अर्थ है वो, जो गोल-गोल लगातार दौड़ चल ही रही है, युगों से चल रही है कि कुछ मिल जाएगा, लगातार मन की कोशिश चल ही रही है, हजार मालाएं फेरी हैं उसने; मालाएं बदलती रहीं हैं, माला फेरने वाल कायम रहा है।
‘ कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर’ और ‘मन का मन का फेरने’ का यही अर्थ है कि उस गोले में उस वृत्त में, उस घेरे में, तू दौडऩा छोड़ दे, तू कितना दौड़ेगा? तू कितना सर पटकेगा? ये अजीब दीवार है, ये पैदा ही इसीलिए होती है क्योंकि तू इस पर सर पटकता है ये अजीब सा कारागार है, जो है ही इसलिए क्योंकि तू मुक्त होना चाहता है। बंधन पहले नहीं आया है, तेरी मुक्ति की आकांक्षा ही तेरा बंधन है, तू मुक्ति की आकांक्षा छोड़ दे, शांत होकर बैठ जा। उसका तत्व समझिये, मुक्ति की आकांक्षा में ये भाव बहुत गहरा है कि ‘मेरी’ आकांक्षा से मैं मुक्त हो सकता हूँ।
इस अवसर पर श्वेता भारद्वाज, पूनम प्रभाकर, सरोज बाला, राकेश प्रभाकर, समीर कपूर, अमनदीप शर्मा, अमरेंद्र कुमार शर्मा,रोहित भाटिया, बावा जोशी, बावा खन्ना, अजीत कुमार, संजीव शर्मा, संजीव शर्मा, राजेश महाजन, मनीष कुमार, संजय, सोनू, नवदीप, उदय, अमन, सुक्खा, अमरजीत सिंह, प्रिंस , अजीत साहू, कन्हैया, रंजीत कुमार शर्मा सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।

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