चंडीगढ़, 26 जून
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने औद्योगिक प्लॉटों को अस्पतालों, होटलों, औद्योगिक पार्कों और अन्य स्वीकृत मदों के लिए उपयोग की अनुमति देने वाली पंजाब की हस्तांतरण नीति में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दे दी।
इस संबंध में फैसला आज यहां मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि पहले हस्तांतरण नीति 2008, 2016 और 2021 में लाई गई थी। हालांकि, औद्योगिक संगठनों ने 2021 में लाई गई नीति की कुछ प्रतिबंधात्मक शर्तों पर आपत्ति जताई थी। इसके जवाब में एक कमेटी ने उद्यमियों की मांगों की समीक्षा की और फ्री होल्ड प्लॉटों पर लागू होने वाले परिवर्तनों का प्रस्ताव दिया। संशोधित नीति के अनुसार, औद्योगिक प्लॉट की आरक्षित कीमत का 12.5 प्रतिशत हस्तांतरण शुल्क लागू होगा।
**लीजहोल्ड औद्योगिक प्लॉटों/शेड्स को फ्री होल्ड में बदलने की मंजूरी**
कैबिनेट ने विशेष रूप से पी.एस.आई.ई.सी. के प्रबंधन वाले लीजहोल्ड औद्योगिक प्लॉटों और शेड्स को फ्री होल्ड में बदलने की नीति को भी मंजूरी दे दी। ये प्लॉट और शेड मूल रूप से लीजहोल्ड आधार पर आवंटित किए गए थे, जिनमें परिवर्तन संबंधी जटिल धाराएँ शामिल थीं, जिसके कारण संपत्ति के लेन-देन में कठिनाइयां आ रही थी। इस नई नीति का उद्देश्य औद्योगिक प्लॉटों के प्रबंधन को सुचारू करना, कारोबार में सुगमता बढ़ाना, आवंटियों के बीच मुकदमेबाजी और अनिश्चितता को कम करना है। इसके अलावा, इस हस्तांतरण से राज्य के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न होने की उम्मीद है।
**एम.एस.ई. फैसिलिटेशन काउंसिल नियम-2021 में संशोधन**
कैबिनेट ने एम.एस.एम.ई. डेवलपमेंट एक्ट, 2006 के तहत एम.एस.ई. फैसिलिटेशन काउंसिल नियम-2021 में संशोधनों को मंजूरी दे दी। वर्तमान में जिला स्तर पर माइक्रो और स्मॉल इंटरप्राइजेज फैसिलिटेशन काउंसिल संबंधित डिप्टी कमिश्नरों के नेतृत्व में काम कर रही हैं। हालांकि, इस एक्ट के तहत अवार्ड्स से संबंधित भुगतानों में देरी हो रही है। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के आधार पर अब एक ऐसा ढांचा बनाया जाएगा, जिससे पंजाब लैंड रेवेन्यू एक्ट, 1887 के तहत भू-राजस्व के बकाया के रूप में ऐसे अवार्ड्स की वसूली जल्द हो सके।
**पंजाब जल संसाधन विभाग जूनियर इंजीनियर्स (ग्रुप-बी) सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी**
कैबिनेट ने पंजाब जल संसाधन विभाग में जूनियर इंजीनियर्स (ग्रुप-बी) से संबंधित सेवा नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी। इसके तहत जे.ई. की 15 प्रतिशत रिक्तियां पदोन्नति के लिए आरक्षित हैं, जिनमें से 10 प्रतिशत रिक्तियां जूनियर ड्राफ्ट्समैन, सर्वेयरों, वर्क मिस्त्रियों, अर्थ वर्क मिस्त्रियों और अन्य से भरी जाएंगी। अब इस कोटे के तहत नहरी पटवारी और मालिया क्लर्क, जिनके पास आवश्यक योग्यता (किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से सिविल, मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या डिग्री) और आवश्यक अनुभव होगा, वे भी इस पदोन्नति के लिए पात्र होंगे। इस कदम से विभाग में अनुभवी कर्मचारी आएंगे और कर्मचारी उच्च योग्यता हासिल करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
**वित्त विभाग के तहत विभिन्न निदेशालयों के विलय को हरी झंडी**
प्रशासनिक कार्य कुशलता बढ़ाने और खर्च कम करने के लिए कैबिनेट ने वित्त विभाग के तहत आने वाले विभिन्न निदेशालयों के विलय को मंजूरी दे दी। इसके तहत छोटी बचत, बैंकिंग और वित्त, और लॉटरी निदेशालयों का विलय होगा और अब इसका नाम डायरेक्टोरेट ऑफ स्मॉल सेविंग्स, बैंकिंग और लॉटरी होगा। डी.पी.ई.एड. और डी.एफ.आर.ई.आई. का भी आपस में विलय होगा और इसका नाम डायरेक्टोरेट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज एंड फाइनेंशियल रिसोर्सेज होगा। ट्रेजरी और अकाउंट्स, पेंशन और एन.पी.एस. के विभिन्न निदेशालयों का भी आपस में विलय होगा और अब इसका नाम डायरेक्टोरेट ऑफ ट्रेजरी एंड अकाउंट्स, पेंशन और एन.पी.एस. होगा। इस पुनर्गठन से राज्य को लगभग 2.64 करोड़ रुपए वार्षिक बचत होने की संभावना है।
**स्टेट एस.एन.ए. ट्रेजरी के लिए नई रिक्तियों के सृजन को मंजूरी**
कैबिनेट ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार चंडीगढ़ में स्थापित स्टेट एस.एन.ए. ट्रेजरी के लिए नई रिक्तियों के सृजन को भी सहमति दे दी। केंद्रीय सहायता प्राप्त योजनाओं के तहत फंडों का हस्तांतरण अब एस.एन.ए. स्पर्श प्रणाली के माध्यम से होगा। स्टेट एस.एन.ए. ट्रेजरी को कार्यशील करने के लिए नौ रिक्तियों को मंजूरी दी गई है, जिनमें जिला खजाना अधिकारी, खजाना अधिकारी, दो सीनियर सहायक, चार क्लर्क और एक सेवादार शामिल हैं।